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 यूनीसेफ इंडिया और फेसबुक ने बच्‍चों के खिलाफ हिंसा को खत्‍म करने के लिए किया समझोता

नई दिल्‍ली,  यूनीसेफ इंडिया और फेसबुक ने बच्‍चों के खिलाफ हिंसा को खत्‍म करने के लिए एक-वर्षीय संयुक्‍त कार्यक्रम को शुरू करने की घोषणा की है। इस कार्यक्रम में ऑनलाइन सुरक्षा पर विशेष ध्‍यान केंद्रित किया जाएगा। इस भागीदारी के तहत बच्‍चों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन एक सुरक्षित माहौल उपलब्‍ध कराया जाएगा। इसका लक्ष्‍य डिजिटल दुनिया तक सुरक्षित पहुंच के लिए बच्‍चों के लचीलेपन और क्षमता को बेहतर बनाना, बच्‍चों के खिलाफ हिंसा और बच्‍चों, परिवारों एवं समाजों पर इसके प्रभाव पर जागरूकता बढ़ाना, साथ ही साथ हिंसा को बेहतर ढंग से रोकने और प्रतिक्रिया देने के लिए समुदायों एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स के कौशल में वृद्धि करना है। यह भागीदारी में एक राष्‍ट्रव्‍यापी सोशल मीडिया अभियान, एवं ऑनलाइन सुरक्षा, डिजिटल साक्षरता और मनोसामाजिक समर्थन पर 100,000 स्‍कूल छात्रों के लिए क्षमता निर्माण भी शामिल होगा।

वर्चुअल कार्यक्रम में फेसबुक हेड, प्रोग्राम एंड आउटरीच, सुश्री मधु सिरोही और यूनीसेफ इंडिया डिप्‍टी रिप्रजेंटेटिव प्रोग्राम्‍स, श्री यसुमासा कीमूरा के साथ सुश्री आस्‍था सक्‍सेना खटवानी, संयुक्‍त सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार उपस्थित थीं। प्रसिद्ध कलाकार और यूनीसेफ इंडिया के बच्‍चों के खिलाफ हिंसा खत्‍म करने पर सेलेब्रिटी एडवोकेट श्री आयुष्‍मान खुराना ने अपना मुख्‍य भाषण दिया। लॉन्‍च के दौरान यूनीसेफ, फेसबुक, लेहर और एक चाइल्‍ड लीडर के प्रतिनिधित्‍व वाले एक पैनल ने ऑनलाइन और ऑफलाइन क्षेत्र में बच्‍चों की सुरक्षा को लेकर चुनौतियों एवं समाधानों पर चर्चा की।

सुश्री आस्‍था सक्‍सेना खटवानी, संयुक्‍त सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा, पिछले डेढ़ साल में, इंटरनेट ने समय और भौगोलिक क्षेत्र जैसी बाधाओं को खत्‍म करते हुए बच्‍चों को अपनी शिक्षा जारी रखने में मदद की है। जब हम बच्‍चों को ऑनलाइन उपलब्‍ध बेहतर जानकारी वाले संसाधनों का उपयोग करने के लिएप्रेरित करते हैं, तब हमें इन ऑनलाइन माध्‍यमों के सभी प्रकारों के साथ आने वाले खतरों से भी भलिभांति परिचित होना चाहिए। मुझे यह जानक खुशी है कि यूनीसेफ और फेसबुक हमारी युवा पीढ़ी को ऑनलाइन शोषण के खिलाफ जागरूक और संवेदनशील बनाने के लिए एक महत्‍वपूर्ण कदम उठा रहे हैं।

यूनीसेफ इंडिया डिप्‍टी रिप्रजेंटेटिव प्रोग्राम्‍स, श्री यसुमासा कीमूरा ने कहा, कोविड-19 महामारी ने बच्‍चों के लिए, चाहे वह ऑनलाइन हों या ऑफलाइन, हिंसा का सामना करने की संभावना को और बढ़ा दिया है। बच्‍चों के खिलाफ हिंसा को समाप्‍त करने के लिए किए जा रहे महत्‍वपूर्ण प्रयासों को स्‍वीकार करते हुए, यह महत्‍वपूर्ण है विभिन्‍न हितधारक एक साथ आएंऔर बच्‍चों के खिलाफ हिंसा कैसे, कब और कहां के आसपास जागरूकता बढ़ाने, व्‍यवहार और धारणाओंमें बदलाव लाने के लिए काम करें। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगह बच्‍चों की सुरक्षा सुनिश्‍चित करने के लिए हिंसा को बेहतर ढंग से समझने और सबसे प्रभावी तरीकों को बढ़ावा देने के लिए महत्‍वपूर्ण है।उन्‍होंने कहा, इस मुश्किल समय में फेसबुक के साथ भागीदारी बच्‍चों के बढ़ने, सीखने और फलने-फूलने के लिए एक सुरक्षित ऑनलाइन और ऑफलाइन दुनिया को आकार देने में मददगार होगी।

फेसबुक हेड ऑफ प्रोग्राम्‍स एंड आउटरीच, सुश्री मधु सिरोही ने कहा, महामारी ने डिजिटल प्‍लेटफॉर्म्‍स को अपनाने के लिए बहुत अधिक प्रेरित किया है। ऑनलाइन बनने से युवाओं को कई सारे विकल्‍प मिलते हैं। यह उन्‍हें स्‍व-नियंत्रण और लचीलापन जैसे कौशल सिखाता है, जो उन्‍हें निर्णय लेने में मदद कर सकता है, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगह सकारात्‍मक परिणाम प्राप्‍त करने का नेतृत्‍व करेगा। बच्‍चों को ऑनलाइन सुरक्षा प्रदान करना हमारे लिए महत्‍वपूर्ण है और हम इस जिम्‍मेदारी को पूरी गंभीरता से उठा रहे हैं। अपने समाज के सबसे युवा सदस्‍यों के लिए एक सुरक्षित ऑनलाइन अनुभव की पेशकश करने के लिए हम पिछले कई वर्षों से अभिभावकों, सरकारों और सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। आज, हम बच्‍चों एवं युवा दर्शकों के लिए इंटरनेट को सुरक्षित बनाने के लिए यूनीसेफ के साथ भागीदारी कर बहुत ही खुशी महसूस कर रहे हैं। इस भागीदारी के माध्यम हम उन्‍हें डिजिटल प्‍लेटफॉर्म की शक्ति का उपयोग कर सार्वजनिक जीवन में भाग लेने में मदद करना चाहते हैं और उन मुद्दों की वकालत करना चाहते हैं जिनकी उन्‍हें परवाह है।

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