डीएनडी से लेकर चिल्ला गाँव एवं धर्मशीला अस्पताल की लाइट नहर किनारे की रोड मे लगा भीषण जाम । लोग घंटो असहाय से अपनी कार एवं बाइक मे बैठे रहे । ट्रेफिक हेल्प लाइन लगता नहीं । कभी लग भी गया तो बताया की हमने मैसेज कर दिया है ! बस इनकी जिम्मेवारी यहीं खत्म हो जाती है । जहां ट्रेफिक पुलिस की उपस्थिती होनी चाहिए वहाँ होती नहीं है ।
लोग अपना महत्वपूर्ण समय एवं ईंधन ट्रेफिक जाम मे खत्म कर देते हैं । आखिर क्यों नहीं शाम के वक़्त यहाँ ट्राफिक पुलिस की उपस्थिती होती है । कमोबेस पूरी दिल्ली का यही हाल है । दिल्ली की यातायात व्यवस्था चरमरा सी गई है । आज लगे भीषण जाम से लोगों का धर्य जबाब देने लगा , पर लोग कर भी क्या सकते थे शिवाय अपनी गाड़ी मे घंटो बैठे रहने के !
मयूर विहार फेस 3 एवं नोएडा जाने वाले लोग आए दिन इस तरह की समस्या से परेशान रहते हैं । कहीं भी ट्रेफिक पुलिस दिखती नहीं । पब्लिक का कहना था की पुलिस सिर्फ कमाई करने मे दिखती है । यही हाल मयूर विहार फेस 3 नोएडा मोड का भी है यहां ट्राफिक लाइट पर 8-10 कैमरे लगे हैं पर यहाँ शुबह और खास कर साम के समय ई-रिक्शा वालों का आतंक छाया रहता है । ई-रिक्शा वाले पूरी लाइट के इर्द गिर्द लगभग पूरी सड़क को ऐसे ब्लॉक कर देते हैं की गाडियाँ निकाल नहीं पाती है। जो नियम बाकी की गाड़ियों के लिए है वही नियम ई-रिक्शा वालों के लिए है । फिर आखिर ऐसा कौन सा कारण है जिसके कारण ये लोग अपनी मनमानी करते हैं ?
आर के सिंह