मयूर विहार फेस 3 में स्थित नोएडा मोड़ टी-पॉइंट के पास दिनभर मुख्य सड़क को बाधित कर वाहन खड़ी रहने के कारण लोगों को गंभीर ट्रैफ़िक समस्या से जूझना पड़ रहा है । जिनके कंधों पर इस व्यवस्था को सम्भालने की ज़िम्मेदारी है उनका दूर दूर तक कहीं अता पता नहीं होता है । यह समस्या ई-रिक्शा, ग्रामीण सेवा बसें, और मिनी बसों द्वारा वाहनों को गलत तरीके से रेड लाइट के करीब दोनों साइड पर खड़ी कर देने से उत्पन्न हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप ट्रैफ़िक जाम का सामना करना पड़ता है। खासकर शाम के समय जब लोग अपने कार्यालयों से घरों की ओर लौट रहे होते हैं तो इस समय ये लोग सड़क के नो पार्किंग वाले जगहों पर अपने वाहनों को रोक देते हैं, जिससे ट्रैफ़िक जाम होना शुरू हो जाता है, यह स्थिति टी-पॉइंट के आसपास अधिकांश समय तक जाम लगने का कारण बनती है, क्योंकि ये वाहन रेड लाइट के पास ही खड़े हो जाते हैं, जिससे दूसरे वाहनों को मुश्किलें आती है और यातायात में दिक्कतें पैदा होने लगती हैं ।
आमतौर पर बैटरी से चलने वाली रिक्शाएँ और ऑटो-रिक्शाएँ ट्रैफ़िक नियमों का उल्लंघन करती हैं, न तो ये उचित तरीके से चलती हैं, और न ही ये ट्रैफ़िक नियमों का पालन करती हैं। बैटरी से चलने वाली रिक्शा का हाल तो यह है कि ये कहीं भी कभी भी सवारियों के लिए खड़ी कर देती है। ऐसा लगता है कि इन वाहनों के लिए दिल्ली में कोई व्यवस्थित नियम नहीं है। इसके लिए कोई मार्गनिर्देशक रेखा नहीं है। यह सिर्फ 12-15 साल के बच्चे से लेकर 70-75 वर्ष के वृद्ध व्यक्तियों द्वारा चलाई जाती है, इसका मतलब ये है कि इन्हें यातायात नियमों का पता नहीं है।
दूसरी बात यह है कि इन वाहनों को चलाने के लिए शायद ड्राइविंग लाइसेंस की भी कोई आवश्यकता नहीं होती। शायद इस वजह से इन्हें यातायात नियमों का पता नहीं होता है कि कहाँ खड़ी करना है और कहाँ नहीं। वर्तमान में इनको देखकर ऐसा लगता है कि पूरी दिल्ली में इनका ही राज है, इन्हें जब चाहे, जहाँ चाहे, किसी भी समय रोक सकते हैं ।
Report by R K Singh