मेकअप मात्र शरीर के बाहरी अंगों की सुन्दरता को निखारने का साधन ही नहीं है बल्कि मेकअप से महिलाओं में विश्वास के सकारात्मक भाव जागृत होते हैं। महिलाओं के लिए मेकअप एक आर्ट है। मेकअप थैरेपी के माध्यम से महिलाएंे स्वंय को स्वच्छन्द एवं स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त कर पाती हैं। कोरोना की इस महामारी काल में फेस मास्क चेहरे के महत्वपूर्ण फीचर्जस ढक लेते हैं इसलिए मेकअप के प्रति भावुक महिलाएंे अपनी सुन्दरता व्यक्त करने के लिए नए तरीके इजाद कर रही हैं। फेस मास्क के नियमित प्रयोग के परिणामस्वरूप तैलीय/संवेदनशील त्वचा की महिलाओं को दाद, खाज, खुजली कील, मुहांसे आदि त्वचा से जुड़ी अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मास्क के लगातार उपयोग की अनिवार्यता के मद्देनजर हमें अपनी बेसिक मेकअप तथा त्वचा की देखभाल से सम्बन्धित पद्धति को बदलना पड़ रहा है। महिलाऐं खुद को अभिव्यक्त करने के लिए आंखों का अधिकतम सदुपयोग करती है। रंग-बिंरगे लैंसेज़ और ग्राफिक लाईनर आंखों के प्रकृतिक रंग की शोभा बढ़ाते हैं तथा कई बार फेशियल कवरिंग से समन्वय बिठाते हैं।
यदि आप लगातार फेस मास्क पहन रही हैं तो भी मास्कलाईन के बाहर आप हल्के सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग कर सकती हैं। लेकिन फेस मासक से ढकी त्वचा तथा चेहरे के नीचले हिस्से पर किसी भी प्रकार के मेकअप आदि से परहेज़ करना चाहिए। हमारी त्वचा को साँस लेने के लिए कुछ खुली जगह चाहिए होती है इसलिए हमेशा काॅटन (सूती) , प्रकृतिक सिल्क या बांस के वस्त्र के बने फेस मास्क पहनने को प्राथमिकता दें जिससे त्वचा को कोई जलन या खाज खुजली आदि का अहसास ना हो। अपने फेस मासक को नियमित रूप से धोकर/साफ रखकर इसे सैनेटाइज़ करना जरूरी होता है। त्वचा के अनुकूल वस्त्रों से बनाए गए फेस मास्क के उपयोग जहां त्वचा सहज महसूस करती है बहीं वातावरण में विद्यमान प्रदुषण तथा अन्य हानिकारक तत्वों से भी त्वचा की प्रभावी रोकथाम सम्भव की जा सकती हैं / इस समय बाज़ार में मास्क को एक फैशन के रूप में प्रर्दर्शित किया जा रहा है तथा मास्क का बड़े पैमाने पर व्यापारिकरण किया जा रहा है अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियां तथा ई-कार्मस पोर्टल पोलिस्टर/स्पैन्डक्स/ऊन आदि के फैशनेबल फेस मास्क काफी महंगे दामों पर बाजार में धड़ल्ले से बेच रहे हैं और यह महंगे मास्क कुछ लोगों के लिए स्टेटस सिंबल बन चुके हैं / ज्यादातर सिंथैटिक फैबरिक फेस मास्क रसायनिक तत्वों से उपचारित/ट्रीट किए जाते हैं जिनके नियमित उपयोग से ठोड़ी, जबड़े, गालों या मुंह पर गन्दगी, तैलीय पदार्थ, पसीना आदि जमने से सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सिंथैटिक कपड़े के फेस मास्क के लगातार उपयोग से आंखों के नीचले भाग, ठोड़ी आदि अंगों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है तथा इससे बचने के लिए दिन और रात्रि में त्वचा की कलीजिंग, टोनिंग और माइस्चराइजिंग अत्यन्त महत्वपूर्ण मानी जाती है। मेरा व्यक्तिगत सुझाव है कि जब भी आप भीड़ से दूर अकेले हों तो कुछ देर मासक को हटाकर अपने चेहरे पर माइस्चराईज़र लगा लें तथा उसके थोड़ी देर बार फिर मास्क को चेहरे पर लगा लें। यदि आप फेस मास्क का नियमित उपयोग करती हैं तो आपको त्वचा की सफाई, पौषण तथा उपयुक्त हाइजीन अपनाने की जरूरत है।
यदि आप लगातार फेस मास्क पहन रही हैं तो भी मास्कलाईन के बाहर आप हल्के सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग कर सकती हैं। लेकिन फेस मासक से ढकी त्वचा तथा चेहरे के नीचले हिस्से पर किसी भी प्रकार के मेकअप आदि से परहेज़ करना चाहिए। हमारी त्वचा को साँस लेने के लिए कुछ खुली जगह चाहिए होती है इसलिए हमेशा काॅटन (सूती) , प्रकृतिक सिल्क या बांस के वस्त्र के बने फेस मास्क पहनने को प्राथमिकता दें जिससे त्वचा को कोई जलन या खाज खुजली आदि का अहसास ना हो। अपने फेस मासक को नियमित रूप से धोकर/साफ रखकर इसे सैनेटाइज़ करना जरूरी होता है। त्वचा के अनुकूल वस्त्रों से बनाए गए फेस मास्क के उपयोग जहां त्वचा सहज महसूस करती है बहीं वातावरण में विद्यमान प्रदुषण तथा अन्य हानिकारक तत्वों से भी त्वचा की प्रभावी रोकथाम सम्भव की जा सकती हैं / इस समय बाज़ार में मास्क को एक फैशन के रूप में प्रर्दर्शित किया जा रहा है तथा मास्क का बड़े पैमाने पर व्यापारिकरण किया जा रहा है अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियां तथा ई-कार्मस पोर्टल पोलिस्टर/स्पैन्डक्स/ऊन आदि के फैशनेबल फेस मास्क काफी महंगे दामों पर बाजार में धड़ल्ले से बेच रहे हैं और यह महंगे मास्क कुछ लोगों के लिए स्टेटस सिंबल बन चुके हैं / ज्यादातर सिंथैटिक फैबरिक फेस मास्क रसायनिक तत्वों से उपचारित/ट्रीट किए जाते हैं जिनके नियमित उपयोग से ठोड़ी, जबड़े, गालों या मुंह पर गन्दगी, तैलीय पदार्थ, पसीना आदि जमने से सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सिंथैटिक कपड़े के फेस मास्क के लगातार उपयोग से आंखों के नीचले भाग, ठोड़ी आदि अंगों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है तथा इससे बचने के लिए दिन और रात्रि में त्वचा की कलीजिंग, टोनिंग और माइस्चराइजिंग अत्यन्त महत्वपूर्ण मानी जाती है। मेरा व्यक्तिगत सुझाव है कि जब भी आप भीड़ से दूर अकेले हों तो कुछ देर मासक को हटाकर अपने चेहरे पर माइस्चराईज़र लगा लें तथा उसके थोड़ी देर बार फिर मास्क को चेहरे पर लगा लें। यदि आप फेस मास्क का नियमित उपयोग करती हैं तो आपको त्वचा की सफाई, पौषण तथा उपयुक्त हाइजीन अपनाने की जरूरत है।
अगर आपको फेस मास्क से ढकी रहने वाली समूची त्वचा में समस्याओं से जूझना पड़ रहा है तो आपको फेस मास्क को धोने वाले साबुन, डिटरजैंट को बदलने की तत्काल जरूरत है। अपने चेहरे को हर वक्त माइस्चराइज़र से कवर करके रखें क्योंकि इससे त्वचा तथा मास्क के बीच रगड़/घर्षण को कम किया जा सकेगा जिससे त्वचा की परेशानियां कम होंगी।
फेस मास्क से ढके चेहरे की त्वचा को प्रकृतिक आभा तथा उसके स्वरूप को बनाए रखने के लिए माइस्चराईज़र सीरप तथा क्रीम का प्रभावी प्रयोग किया जाना चाहिए। दिन में जल आधारित फल, भोजन के अतिरिक्त 8-10 गिलास पानी, नारियल पानी, जूस या सूप का जरूर सेवन करें। हाइड्रेटड त्वचा में तैलीय पदार्थों का उत्सर्जन नहीं होता है जिससे आपकी त्वचा ताजी उज्जवल निरोगी तथा ताजगी से भरपूर रहती है।
कोरोना की महामारी के गम्भीर रूप धारण करने से हमारे मेकअप और बाहरी सौन्दर्य में खासे बदलाव देखने में मिल रहे हैं। इस महामारी से सौंदर्य उद्योग में अनेक बदलाव देखने में मिल रहे हैं जहां अनेक सौंदर्य प्रसाधनों की आपूर्ति और मांग में नए प्रचलन देखने में आ रहे हैं। फेस मास्क में चेहरे का आधा भाग ढका होने के कारण लिपस्टिक तथा फाउंडेशन की मांग में काफी गिरावट आई है। बहुत सी महिलाओं ने फाउंडेशन के स्थान पर कम्पैक्ट पाउडर या हाईलाइटर उपयोग शुरु कर दिया है । यदि आपको फाउंडेशन उपयोग करने की आवश्यकता महसूस हो तो इसे जल आधारित हल्का फाऊंडेशन उपयोग करें। सामान्यतः आयॅल फ्री क्रीम के उपयोग को प्राथमिकता दें क्योंकि यह मास्क के अन्दर बोझिल महसूस नहीं होगी। मास्क के अंदर वाटरप्रूफ तथा स्पंजप्रूफ सौंदर्य उत्पाद ज्यादा उपयोगी और आरामदायक साहिब होंगे।
मेकअप में एक नया ट्रेंड सामने आ रहा है जिसमें लिपस्टिक की बजाए आंखों की सुन्दरता पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है नए फैशन के अनुसार आंखों का मेकअप, काजल, आईलाईनर, आई शैडो महिलाओं की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। सौन्दर्य आखों पर केन्द्रित होने की वजह से स्वंय आईब्रो की पलकिंग और शेपिंग करके आंखों को आर्कषक बनाना चाहिए। आप मास्क में भी लिपस्टिक लगा सकती हैं लेकिन आपको यह ध्यान रखना होगा कि होठों की त्वचा खराब न हो। रात को होठों पर लिपबाम या बादाम तेल रातभर लगा रहने दें इससे आपके होठ मुलायम और आर्कषक बनेंगे। लम्बे समय तक खुले आसमान में मास्क पहनने से चेहरे के खुले भागों में कालापन आ जाएगा।
फेस मास्क से ढके चेहरे की त्वचा को प्रकृतिक आभा तथा उसके स्वरूप को बनाए रखने के लिए माइस्चराईज़र सीरप तथा क्रीम का प्रभावी प्रयोग किया जाना चाहिए। दिन में जल आधारित फल, भोजन के अतिरिक्त 8-10 गिलास पानी, नारियल पानी, जूस या सूप का जरूर सेवन करें। हाइड्रेटड त्वचा में तैलीय पदार्थों का उत्सर्जन नहीं होता है जिससे आपकी त्वचा ताजी उज्जवल निरोगी तथा ताजगी से भरपूर रहती है।
कोरोना की महामारी के गम्भीर रूप धारण करने से हमारे मेकअप और बाहरी सौन्दर्य में खासे बदलाव देखने में मिल रहे हैं। इस महामारी से सौंदर्य उद्योग में अनेक बदलाव देखने में मिल रहे हैं जहां अनेक सौंदर्य प्रसाधनों की आपूर्ति और मांग में नए प्रचलन देखने में आ रहे हैं। फेस मास्क में चेहरे का आधा भाग ढका होने के कारण लिपस्टिक तथा फाउंडेशन की मांग में काफी गिरावट आई है। बहुत सी महिलाओं ने फाउंडेशन के स्थान पर कम्पैक्ट पाउडर या हाईलाइटर उपयोग शुरु कर दिया है । यदि आपको फाउंडेशन उपयोग करने की आवश्यकता महसूस हो तो इसे जल आधारित हल्का फाऊंडेशन उपयोग करें। सामान्यतः आयॅल फ्री क्रीम के उपयोग को प्राथमिकता दें क्योंकि यह मास्क के अन्दर बोझिल महसूस नहीं होगी। मास्क के अंदर वाटरप्रूफ तथा स्पंजप्रूफ सौंदर्य उत्पाद ज्यादा उपयोगी और आरामदायक साहिब होंगे।
मेकअप में एक नया ट्रेंड सामने आ रहा है जिसमें लिपस्टिक की बजाए आंखों की सुन्दरता पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है नए फैशन के अनुसार आंखों का मेकअप, काजल, आईलाईनर, आई शैडो महिलाओं की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। सौन्दर्य आखों पर केन्द्रित होने की वजह से स्वंय आईब्रो की पलकिंग और शेपिंग करके आंखों को आर्कषक बनाना चाहिए। आप मास्क में भी लिपस्टिक लगा सकती हैं लेकिन आपको यह ध्यान रखना होगा कि होठों की त्वचा खराब न हो। रात को होठों पर लिपबाम या बादाम तेल रातभर लगा रहने दें इससे आपके होठ मुलायम और आर्कषक बनेंगे। लम्बे समय तक खुले आसमान में मास्क पहनने से चेहरे के खुले भागों में कालापन आ जाएगा।
आप फेस मास्क से त्वचा को होने बाली परेशानियों के लिए घरेलू उपाय भी अपना सकती हैं
स्क्रब: बादाम से सबसे बेहतरीन फेशियल स्क्रब बनता है। बादाम को गर्म पानी में तब तक भिगोऐ रखे जब तक इसका बाहरी छिल्का न हट जाए। इसके बाद बादाम को सुखाकर पीस ले तथा इस पाऊडर को एक एयरटाईट जार में रख ले। प्रत्येक सुबह दो चम्मच पाऊडर में दही या ठण्डा दूध मिलाकर इस मिश्रण को कोमलता से त्वचा पर लगाऐं तथा बाद में इसे पानी से धो डालें। चावल के पाऊडर में दही मिलाकर स्क्रब के तौर पर उपयोग करने से तैलीय त्वचा को राहत मिलती है। थोड़ी सी हल्दी को दही में मिलाइए इसे प्रतिदिन त्वचा पर कोमलता से लगाइए तथा आधा घण्टा बाद ताजे स्वच्छ पानी से धो डालिए।
एक चम्मच शहद में दो चम्मच नीबूं जूस मिलाइए इसे प्रतिदिन चेहरे पर लगाइए तथा आधा घण्टा बाद ताजे साफ जल से धो डालिए।
खीरेे की लुगदी को दही में मिलाइए तथा इस मिश्रण को प्रतिदिन चेहरे पर लगाइए इस मिश्रण को 20 मिनट बाद ताजे स्चच्छ जल से धो डालिए तथा यह तैलीय त्वचा को सबसे ज्यादा उपयुक्त होगा।
तैलीय त्वचा के लिए टमाटर की लुगदी में एक चम्मच शहद मिलाकर इस मिश्रण को प्रतिदिन त्वचा पर लगाइए तथा 20 मिनट बाद धो डालिए। त्वचा को राहत प्रदान करने के लिए काटनवूल की मदद से ठण्डा दूध कोमलता से प्रतिदिन त्वचा पर लगाऐ। इससे त्वचा केा न केवल राहत मिलेगी बल्कि त्वचा कोमल बनकर निखरेगी। लम्बे समय तक इसका उपयोग करने से त्वचा की रंगत में निखार आएगा तथा यह शुष्क तथा सामान्य त्वचा दोनो को उपयोगी सिद्ध होगी।
त्वचा के उपचार तथा बचाव में तिल अहम भूमिका अदा करते है। मुट्ठी भर तिल को पीसकर इसे आधे कप पानी में मिला लीजिए तथा दो धण्टा तक मिश्रण को कप में रहने के बाद पानी को छानकर इससे चेहरा साफ कर लीजिए।
क्लींजिग मास्क: खीरे तथा पपीते की लुगदी का मिश्रण करके इसमें एक चम्मच दही, एक चम्मच शहद, चार चम्मच जई का आटा तथा एक चम्मच नीबूं जूस मिला लीजिए तथा इस मिश्रण को सप्ताह में दो बार चेहरे पर लगा लीजिए तथा आधा घण्टा बाद ताजे पानी से धो डालिए।
दही में बेसन, नीबूं जूस तथा थोडी हल्दी मिलाइए तथा इसे चेहरे पर सप्ताह में तीन बार मालिश तथा 30 मिनट बाद ताजे स्वच्छ पानी से धो डालिए।
शहनाज़ हुसैन
(लेखिका अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौन्दर्य विशेषज्ञ हैं तथा हर्बल क्वीन के नाम से लोकप्रिय हैं)