पूर्वी दिल्ली : दिलशाद कालोनी ABDE ब्लॉक के चुनाव होने वाले हैं, वोटर की सूची में नाम शामिल कराने का कार्य प्रगति पर है, आने वाले दिनों में नामांकन भी शुरू हो जाएगा, जिस तरह से कालोनी में सियासी जमातों के लीडरों की सरगर्मियाँ दिखाई देने लगी हैं उससे ऐसा कहने में कोई गुरेज़ नहीं होगा कि दिलशाद कालोनी में RWA का चुनाव ना हो कर दो बड़ी सियासी जमातों के दलों में मुक़ाबला हो रहा हो ?
जिस में एक तरफ़ मरकज़ में इख़्तेदार हासिल करने वाली जमात के कारकुनैन शामिल हैं तो दूसरी तरफ़ दिल्ली में हुकूमत करने वाली सियासी जमात के कारिंदे, कांग्रेस जमात के मुख़्तसर कारिंदे भी ऐसा लगता है की दिल्ली में काबिज सियासी जमात के साथ खड़े हैं। स्थानीय पार्षद और विधायक आम आदमी पार्टी जमात से तालुक रखते हैं तो इसलिए उनका ताल्लुक़ यक़ीनन दिल्ली वाली जमात से होगा, इसके बरअक्स इस कालोनी की लोकसभा सीट से मनोज तिवारी सांसद हैं जिनके प्रतिनिधि भी कालोनी में मोज़ूद हैं सूत्र बता रहे हैं कि जो पैनल कालोनी में था उनके अफ़सर ज्यादातर केंद्र में सरकार वाली सियासी जमात के नज़रिए से थे।
बारहाल दोनों ही जमातों ने मज़बूती से अपनी अपनी कमर कस ली है हमारे विश्वसनीय सूत्रों ने आगाह किया है की आने वाले मज़ीद कुछ दिनों में दोनों दलों में परचम के मुक़ाबले देखने को मिल सकते हैं , बहस इस बात पर भी हो सकती है कि किसके परचम ज्यादा हैं और किसके कम । हालिया में एक सियासी जमात के परचम से भारी गाड़ी को कालोनी के एक पद अधिकारी के घर पर उतरते हुए देखा गया है, परचमों की तादाद इतनी थी कि उतरवाने के लिए कालोनी के गार्डों का सहारा लेना पड़ा, वहीं दूसरी तरफ़ भी परचम की तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं।
पिछले दिनों कालोनी के इस चुनाव को ले कर यो यो होटल के बैसमनेट में भी एक मीटिंग की गई थी , जिस में तक़रीबन चालीस से पचास जन एकत्रित हुए थे।ऐसा सुनने में आया है कि कालोनी में कोविड के दौरान इमदाद करने वाली एक NGO के अधिकारी ने भी इस मीटिंग में शिरकत फ़रमाई थी जब इस बारे में हमारे संवादाता ने एनजीओ के सदर ए मोहतरम से गुफ़्तगू की और ये समझना चाहा कि क्या आप RWA के चुनाव में अपने किसी उम्मीदवार को उतारेंगे या बाहर से अपना समर्थन देंगे ? उन्होंने कहा हमारी आज एक मीटिंग हैं उस में इस बात पर फ़ैसला होगा की हमारी अगली रण नीति क्या होगी ? मीटिंगों का दौर जारी है देखते हैं इस बार कितने पैनल दिलशाद कालोनी के RWA के चुनाव के पैनल में उतरते हैं ।
कालोनी के एक सज्जन पुरुष ने अपने इज़हारे ख़्याल में फ़रमाए अगर RWA का मक़सद समाज की सेवा करना है तो चुनाव की क्या दरकार है ? ये काम तो सिर्फ़ एक AGM की बैठक बुला कर उसमे भी किया जा सकता है AGM में मोजूद जन जिसको समर्थन दें वो RWA के अफ़सर बने पर हाँ अगर ज़ोर आज़माइएश करनी है तो वो तो फिर बिना चुनाव के मुमकिन नहीं है।