पूर्वी दिल्ली : दिलशाद कालोनी के D 51 में केजिरवाल की नई शराब की नीति के अन्तर्गत जब शराब का ठेका खुला था तब कालोनी के निवासियों ने इसका ज़ोर शोर से विरोध किया था, वो बात अलग है कि जो विरोध करने वालों में शामिल थे उन्हीं में ज़्यादातर ज़नाब शोक फ़रमाने वाले भी थे, पर क्योंकि शराब पीना एक सामाजिक बुराई तो है और जब किसी कालोनी के अंदर शराब की दुकान खुल जाये जहां महिलाओं का लगातार आवागमन रहता हो तो फिर उसको हटवाने के लिए शौक़ फ़रमाने वाले भी दिन में विरोध के ज़ुलूश में हाज़िरी देते हैं और रात को शौक़ फ़ार्मा कर–लियाँ देते हैं। बारहाल मुद्दा ये नहीं है, मुद्दा है ये है कि RWA ने अपने नागरिकों के साथ काँधे से काँधा मिला कर इस ठेके के ख़िलाफ़ कोर्ट में एक याचिका दाखिल की जिस में तत्काल प्रभाव से कोर्ट ने स्टे दिया और अब 14/11/2022 को कोर्ट ने इस मामले में डिक्रीड कर दी।
उपरोक्त विषय में RWA के पूर्व महासचिव दीपक ठाकुर ने समाचार पत्र से वार्तालाप में कहा कि ये माना कि आज हम RWA में नहीं हैं पर ये हमारी पूर्व RWA की टीम और जनता की ही ताक़त थी कि आज कोर्ट से हमने एक इतिहासिक आदेश कराया और पूरे मामले को ख़त्म करा दिया, अब भविष्य में यदि कभी इस तरह की कोई भी शराब की दुकान खुलती है तो पहले RWA से इस बारे में पूछा जाएगा यदि RWA सहमत होगी तभी इस तरह की शराब की दुकान खुल पाएगी अन्यथा नही।