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NBCC आम्रपाली के आठ हज़ार करोड़ के अवार्ड किए गए कार्य सवालों के घेरे में

क्या आठ हज़ार करोड़ के किक बैक के लिए जारी है प्रोजेक्ट में बने रहने की ख्वाहिश ?

नई दिल्ली : NBCC में अपनी सेवानिव्रत से ठीक पहले आम्रपाली से जुड़े EX ED ने आठ हज़ार करोड़ के प्रोजेक्ट अवार्ड कर दिए .. जबकि GFR रूल के मुताबिक़ बिना सैंक्शन के हम कोई भी प्रोजेक्ट अवार्ड नही कर सकते , माननीय न्यायालय ने इसी लिए सभी बैंकों से फ़ंडिंग के मामले में जवाब तलब किया है .
ख़ुद आम्रपाली ने भी कभी पंद्रह सो करोड़ का कोई अवार्ड नही किया होगा पर EX ED साहब तो आम्रपाली से भी आगे निकल गए!  जानकार ये बताते हैं की छोटे छोटे अवार्ड किए जाते हैं ताकि पैसा आता रहे और काम आगे बड़ता रहे , अगर हम इन आठ हज़ार करोड़ रुपए के अवार्ड किए गए कार्यों की वित्तीय हालात पर नज़र डालें तो पाएँगे कि बैंकों से अभी पैसा आना है , ग्राहकों से अभी बकाया पैसा आना हैं और कोविड जैसी महामारी के दौर में NBCC द्वारा जारी UFR ये बताता है कि NBCC के वित्तीय हालात ठीक नही है , ऐसे समय में इतने बड़े अवार्ड करना सेवनिवृत्ति होने वाले अधिकारी की नियति पर शक का सवालिया निशान लगाता है.
और ये सवाल भी पैदा करता है क्या आठ हज़ार करोड़ रुपए के अवार्ड किए गए कार्यों में किक बैक के लिए EX ED किसी भी तरह इस प्रोजेक्ट में बने रहना चाहते हैं चाहें फिर वो कंसलटेंट के रूप में ही क्यूँ ना हों , ये एक जाँच का विषय है !
सूत्र ये बता रहे हैं की इस मामले में कोर्ट के Reciver को भी अंधेरे में रखा गया है उन्हें इन सब टेक्निकल बातों से अवगत नही कराया गया ?
जबकि इस प्रोजेक्ट की ज़िम्मेदारी लेने वाले NBCC के EX CMD ने ऐसी कोई जिज्ञासा नही दिखाई की मेरे बिना ये प्रोजेक्ट कैसे पूरा होगा और ना ही वो सुप्रीम कोर्ट के रिसीवर के पास गए की आम्रपाली के बायर को ध्यान में रखते हुए उनको सेवा विस्तार दिया जाए ,
सूत्र ये बता रहे है की किसी भी तरह इस प्रोजेक्ट में NBCC के CMD पी के गुप्ता पर ज़बरदस्त दबाव बनाया जा रहा है की वो किसी तरह भी EX ED को इस प्रोजेक्ट में रखें फिर चाहें वो कोर्ट के आदेश से ही क्यूँ ना हो

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