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जे पी प्रोजेक्ट में NBCC को रिजेक्ट करने के लिए दोषी अधिकारी  कौन ? 

सरकारी नव रत्न कम्पनी की शाख़ को बचाने के लिए जद्दो जहद जारी,  रिजेक्ट होने के बाद दोबारा  मौक़ा देने की NBCC की अपील पर  IRP एवं COC ने पल्ला झाड़ा दोबारा बोली के अवसर के लिए फ़ैसला ग्राहकों पर छोड़ा, उपरोक्त विषय में सम्बंधित ED अधिकारी पर कोई कार्रवाही नहीं बल्कि तोहफ़े में मिला प्रमोशन ।

नई दिल्ली : अपने मुफ़लिशि दौर से उभर कर आसमान को छूने वाली भारत सरकार की नव रत्न कम्पनी NBCC आज  अपनी शाख़ को बचाने की लिए जद्दो जहद में लगी है, जे पी प्रोजेक्ट में IRP एवं COC द्वारा NBCC की बोली रिजेक्ट होने के बाद NBCC IRP एवं COC से इस प्रोजेक्ट में दोबारा शामिल होने के लिए फ़रियाद कर  रही है, पर IRP एवं COC ने उसकी फ़रियाद पर सुनवाई से अपना पल्ला झाड़ते हुए ये फ़ैसला उन तमाम ग्राहकों पर छोड़ दिया है जो इस परेशानी से दो चार हो रहे हैं, कहा जा रहा है की अब इस मामले में गुरुवार एवं शुक्रवार को ग्राहक अपना वोट डाल कर इस बात की रज़ामंदी देंगे कि भारत सरकार की इस नव रत्न कम्पनी को दोबारा इस प्रोजेक्ट में बोली लगाने की अनुमति दी जाए या नहीं ? यदि ग्राहकों ने अपने वोट के ज़रिए NBCC में अपना एतमाद नहीं जताया तो मुंबई की सुरक्षा के पास इस प्रोजेक्ट का जाना पूरी तरह से सुनिशित कर दिया जायगा।

कभी बिकने की कगार से ऊपर उठ कर नव रत्न का दर्जा प्राप्त करने वाली और अवाम के लिए सैकड़ों प्राजेक्ट्स का निर्माण करने वाली कम्पनी की आज ये हालत की अपनी ग़लत बोली के लिए IRP और COC के दरबार में दयनीय गुहार लगा रही है, ये चिंता का विषय है, आख़िर कौन है इसके लिए ज़िम्मेदार ? और क्या से क्या होता जा रहा है इसका भविष्य ?

जानकार ये बताते हैं कि सही समय पर सही फ़ैसला ना लेना, सीन्यर अधिकारी का सेवनीव्रत होना और सम्बंधित अधिकारी पर चेक एंड बैलेन्स ना रखना इसकी एक बड़ी वजह है , देखना ये होगा कि यदि दोबारा इस प्रोजेक्ट में NBCC को मौक़ा नहीं मिलता है तो उस अधिकारी के ख़िलाफ़ क्या कार्याही होगी जो इस त्रुटि के लिए ज़िम्मेदार था? सूत्र ये बता रहे हैं की उस सीन्यर अधिकारी को पदोन्नत कर दिया गया है,जबकि उपरोक्त अधिकारो के ख़िलाफ़ दुबई प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की शिकायत विभाग के पास लम्बित है ।

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