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जनसभा संसद का शुभारम्भ

मीडिया आईना की भांति होता है देश दुनिया में क्या हो रहा है? और किसके मन मे क्या चल रहा है ? उसको दिखाना मीडिया का कर्तव्य रहा, इसलिए मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ बना। शब्दवाणी समाचार अपने पाठकों के हित में सदैव पाठकों को सही और गलत चीजों को दिखाता रहा है। इसलिए जब पाठकों का मीडिया से विश्वास खत्म होता जा रहा है ऐसी हालत में भी पाठक शब्दवाणी समाचार पर विश्वास बनाते हुए अपनी पसंद का सर्व प्रथम अखबार मानते हुए स्थाई पाठक बन रहे हैं। अपने पाठकों के इस विश्वाश को देखते हुए शब्दवाणी समाचार ने अपने स्थाई पाठकों के लिए शब्दवाणी समाचार पाठक संघ बनाया।
शब्दवाणी समाचार पाठक संघ के सक्रिय पाठक जो भारतीय मतदाता भी हैं उनके द्वारा संचालित भारतीय मतदाताओं का अपना जनसभा संसद का ग़ाज़ियाबाद में आज लॉन्च किया। इस अवसर पर शब्दवाणी समाचार पाठक संघ ग़ाज़ियाबाद के प्रमुख शाहिद हुसैन ने मीडिया को बताया, भारतीय लोकतंत्र में लोकजन मतलब वोटर सर्वोच्च होता है इसीलिए हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी जी अपने आपको देश का प्रधान सेवक मानते हैं तो इसका मतलब कोई तो उनका मालिक होगा जो अपने हिसाब से अपने लिए उनसे काम करवाये। लोकतंत्र में आम जनता नहीं संगठित जनता मालिक होती है बस इसी को सोचते हुए हमने शब्दवाणी समाचार पाठक संघ के सदस्य को संगठित किया और जनसभा संसद का मंच उपलब्ध करवाया, ताकि मतदाता को क्या चाहिए ? कैसा चाहिए ? अपने जनप्रतिनिधियों से वो क्या करवाये ? वो सब किसी स्थान मतलब मतदाता अपने संसद में बैठकर अपने बारे में विचार करें। अब समय आ गया है चुनाव के समय राजनीतिक पार्टी अपना घोषणा पत्र ना जारी करे बल्कि क्षेत्रीय मतदाता अपने भावी जनप्रतिनिधि से क्या काम ले उसका घोषणा पत्र खुद बनाकर उसको जारी करे।
शब्दवाणी समाचार के सम्पादक और जनसभा संसद के पथ प्रदर्शक मोहम्मद जोशी ने मीडिया को बताया शब्दवाणी समाचार पर विश्वास करने वाले पाठकों का हित देखना हमारा कर्तव्य है इसलिए हम अपने पाठकों के लिए विज्ञापन को महत्व नहीं देते हैं। मीडिया का काम सच्चाई दिखाना है। हमने अपने पाठकों को दिखाया हमारे प्रधानमंत्री जी अपने आपको प्रधान सेवक मानते हैं, तो इसका मतलब आप प्रधानमंत्री के मालिक हुए ऐसा नहीं है। प्रधान मंत्री केवल संगठित मतदाताओं के प्रधान सेवक हैं अगर आप मालिक बनकर उनसे अपने हिसाब से काम लेना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको संगठित होना पड़ेगा। हमारे पाठकों ने उसी बात को ध्यान में रखते हुए आज के इस कार्यक्रम में अपने आपको संगठित करने के लिए जनसभा संसद बनाया है। इसलिए शब्दवाणी समाचार ने क्षेत्रीय मतदाताओं को जनसभा संसद की सदस्य्ता प्रदान की है, ताकि वो अब अपने लिए सोच सकें और अपनी आवश्यकताओं के बारे में सबको बता सकें।
पत्रकारों को जवाब देते हुए मोहम्मद जोशी ने कहा आपने सही पूछा जनसभा संसद क्या ? और कैसे ? कार्य करेगी हमने जनसभा संसद सदस्य के रूप में आज 11-11 सदस्यों के दो खंड बनाये हैं, एक खण्ड ग़ाज़ियाबाद के अनुसार एक वॉर्ड के समान है, एक खण्ड 2000 लोगों का प्रतिनिधित्व करेगा। प्रत्येक खण्ड के प्रमुख अपने 10 सदस्यों के साथ कम से कम प्रत्येक सप्ताह अपने जनसभा संसद में सभा करेंगे उसी प्रकार से सभी जनसभा सदस्य अपने क्षेत्र के 10 लोगों को लेकर वो भी अपने समय अनुसार जनसभा संसद में बैठकर सभा किया करेंगे। अब इसके लाभ सुनिए सबसे पहले हर जनप्रतिनिधि पार्टी के नाम पर मुट्ठीभर लोगों से आजाद होगा, राजनीति से धन बल समाप्त होगा, जनप्रतिनिधि कुछ मुठ्ठीभर लोगों का नहीं मतदाता का होगा, जनप्रतिनिधि मतदाता के करीब होगा, मतदाता को क्या और कैसा चाहिए अपने जनप्रतिनिधि को सीधे बताएगा, इत्यादि अनेको लाभ होंगे जिसका अभी बताना सम्भव नहीं होगा।

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