नई दिल्ली, केजरीवाल सरकार, डेनमार्क के साथ मिलकर दिल्ली में ग्राउंड वाटर रिचार्ज और पराली से बिजली उत्पादन की संभावनाएं तलाशेगी। डेनमार्क के राजदूत के नेतृत्व में विशेषज्ञों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बारिश के पानी से ग्राउंड वाटर रिचार्ज करने और पराली से बिजली बनाने की तकनीक को विस्तार से बताया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार, दिल्ली को 24 घंटे नल से साफ जल देने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। हम दिल्ली की जल आपूर्ति क्षमता बढ़ाने के लिए नए समाधान अपनाना चाह रहे हैं। दिल्ली सरकार, ग्राउंड वाटर रिचार्ज और उसके निकासी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए अत्याधुनिक समाधान लागू करेगी। पानी के लिए दिल्ली पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है। हम ग्राउंट वाटर को रिचार्ज कर जल स्तर बढ़ाना चाहते हैं, ताकि दिल्ली पानी के मामले आत्मनिर्भर बन सके।
भारत में डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वैन ने विशेषज्ञ प्रतिनिधिमंडल के साथ आज दिल्ली सचिवालय आकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। राजदूत के साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने सीएम अरविंद केजरीवाल के सामने डेनमार्क में ग्राउंड वाटर रिचार्ज और पराली से बिजली उत्पादन को लेकर किए गए कार्यों को बताया और उसको लेकर विस्तार से चर्चा की। डेनमार्क में की गई पहल बेहतर रही तो दिल्ली में भी उसे अपनाया जा सकता है। विशेषज्ञों ने यह प्रजेंटेशन सीएम अरविंद केजरीवाल और डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वैन के बीच हाल ही में हुई बैठक के मद्देनजर दिया है। पिछली बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल ने पानी, वायु प्रदूषण और बिजली के क्षेत्र में डेनमार्क में हुए पहलों पर वहां के विशेषज्ञों से एक प्रजेंटेशन देने के लिए कहा था। उस बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और डीडीसी उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह भी उपस्थित थे।
डेनमार्क में ग्राउंड वाटर रिचार्ज, ग्राउंड वाटर निकासी और सीवेज प्रबंधन का गहन अध्ययन और विश्लेषण किया। सीएम अरविंद केजरीवाल कहा कि दिल्ली में हम जिस मुख्य समस्या का सामना कर रहे हैं, वह यह है कि ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग को व्यवस्थित और संगठित तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से ऐसे मॉडल पेश करने को कहा, जिनके अनुसार दिल्ली में ग्राउंड वाटर रिचार्ज और ग्राउंड वाटर निकासी को अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान के तौर पर लागू किया जा सके। सीएम ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मानसून अगस्त तक आएगा और सितंबर के मध्य तक रहेगा। दिल्ली को पानी से जुड़ी तमाम समस्याओं से निजात दिलाने के लिए दिल्ली सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। हम ऐसे समाधान को लागू करने के इच्छुक हैं, जिससे कि हम इस मानसून से ही ग्राउंड वाटर रिचार्ज कर सकें और उसके संरक्षण के दायरे का विस्तार कर सकें। हम बारिश के पानी को स्टोर करने और बड़े पैमाने पर ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने के लिए मिशन मोड में कुछ परियोजनाओं को लागू करने पर विचार कर रहे हैं।