दिल्ली, 4 जनवरी:खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा कड़े नियम लागू किए जाने के बावजूद, स्थानीय स्तर पर इनका पालन होता नहीं दिख रहा है। पूर्वी दिल्ली के दिलशाद कॉलोनी के B ब्लॉक में एक्सपायर्ड खाद्य सामग्री की खुलेआम बिक्री प्रशासनिक अमले की लापरवाही को उजागर करती है।
स्थानीय दुकानदार दूध, नमकीन और अन्य खाद्य सामग्रियों को एक्सपायरी डेट के बाद भी बेच रहे हैं। ग्राहक दुकानदारों पर इतना भरोसा करते हैं कि बिना डेट जांचे ही सामान खरीद रहे हैं। कई प्रतिष्ठित ब्रांड, जैसे हल्दीराम और अन्य मिल्क उत्पाद कंपनियों के सामान भी इस गड़बड़ी का हिस्सा बने हुए हैं।
सरकार की पहल और प्रशासन की निष्क्रियता
भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम (FSSAI) के तहत खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। इस कानून के तहत एक्सपायर्ड सामान बेचना एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए जुर्माना और सजा का प्रावधान है। लेकिन स्थानीय प्रशासन और फ़ूड इंस्पेक्टर की निष्क्रियता के कारण इस तरह के कृत्य धड़ल्ले से जारी हैं।
स्थानीय लोगों की चिंता
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि दुकानदार उनके भरोसे का फायदा उठाकर उन्हें एक्सपायर्ड सामान बेच रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे “ग्राहकों की आंखों में धूल झोंकने” का आरोप लगाया है।
जरूरी कदम
जब तक प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक इस प्रकार का अवैध व्यापार जारी रहने की संभावना है। लोगों का मानना है कि किसी बड़े हादसे का इंतजार करने के बजाय, सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।
निष्कर्ष:
खाद्य सुरक्षा को लेकर सरकार की सख्ती तभी प्रभावी होगी, जब स्थानीय प्रशासन अपने कर्तव्यों को गंभीरता से निभाएगा। जन जागरूकता और प्रशासन की तत्परता ही इस समस्या का समाधान हो सकती है।