नई दिल्ली: रिहायशी क्षेत्रों में कोचिंग सेंटर पर अक्सर दुर्घटनाएँ देखने को मिलती हैं, चाहे वो मध्य प्रदेश में एक अपार्टमेंट बिल्डिंग में चल रहे कोचिंग सेंटर हो या फिर हाल ही में दिल्ली के मुकर्जी नगर में एक रिहायशी क्षेत्र में हुआ बड़ा हादसा, जिसमें तक़रीबन 61 लोगों, जिसमें बच्चे भी शामिल थे, की बुरी तरह आग में झुलस जाने की खबर प्रकाश में आई थी।
अक्सर इन हादसों के बाद प्रशासन की नींद खुलती है और बयान जारी किया जाता है कि भविष्य में इस तरह के हादसे की पुनव्रती ना हो, इसलिए प्रशासन सख़्त कदम उठाएगा और दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। पर होता क्या है, पहले से ज्यादा तादाद में कोचिंग सेंटर कुकुरमत्तों की तरह पनपने लगते हैं। पिछले कई वर्षों से ऐसा हो रहा है।
हाल ही में ताज़ा मामला दिलशाद कालोनी के दो कोचिंग सेंटरों से जुड़ा है, SDM सीमापुरी को कांग्रेस के RTI विंग के चेयरमैन,दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी RTI विभाग ने मोहिनी कोचिंग सेंटर और एलीट कोचिंग सेंटर के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की थी। इस शिकायत में कहा गया था कि जिस तरह से पैसा कमाने की होड़ में कॉलोनी के रिहायशी क्षेत्रों में ये कोचिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं, उस पर प्रशासन द्वारा लगाम लगाने की आवश्यकता है। अन्यथा, वो दिन दूर नहीं जब इन कोचिंग सेंटरों में भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली सरकार द्वारा रिहायशी क्षेत्रों में कोचिंग सेंटरों की अनुमति पर विरोध है, लेकिन इस पर पालन क्यों नहीं हो रहा है, इसकी ज़िम्मेदारी स्थानीय प्रशासन पर है, हम सभी जानते हैं कि जब इस प्रकार के कोचिंग सेंटर चलाए जाते हैं, तो उसमें एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरी टीम शामिल होती है, जो भिन्न-भिन्न दिशाओं में मदद करती है, इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं कि “तरबूज़ कटेगा तो सब में बंटेगा “ और जहां तक कालोनी के अंदर चल रहे कोचिंग सेण्टरों का सवाल है तो आपको बता दूँ कि इन कोचिंग सेण्टरों को बड़े बड़े लोगों का समर्थन प्राप्त है।
कालोनी में एक वरिष्ठ नागरिक ने अपने विचार समाचार पत्र के साथ साझा करते हुए कहा कि एक बड़े कोचिंग सेंटर में पिछले दिनों दस नाबालिग लड़कों पर FIR हुई थी और दो की हत्या हो चुकी है, पुलिस ने इस मामले में कई दिनों तक इस कोचिंग सेंटर को बंद करा दिया था पर बाद में पुलिस को कालोनी के नागरिकों की एक वेलफेयर वाली संस्था ने पुलिस और कोचिंग सेंटर के बीच आपसी समझौता ये कहते हुए करा दिया कि अगर बाहर किसी की हत्या हुई है तो इस में कोचिंग सेंटर वाले की क्या गलती है, हालाँकि जिन दस लड़कों का जीवन बर्बाद हुआ वो सभी इस कोचिंग सेंटर में पड़ा करते थे।
SDM सीमापुरी ने लिखित शिकायत पर सुनवाई करते हुए दोनों कोचिंग सेण्टरों को 16/10/2023 को दस्तावेज़ों के साथ SDM कार्यालय में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है, नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि ये संगठन दस्तावेज़ो के साथ पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अब देखना होगा कि SDM सीमापुरी इन दोनों कोचिंग सेण्टरों के खिलाफ क्या कैसे कार्रवाई करते हैं।