किडनी के खराब होने के कारण ही शरीर में खून का क्रिएटनिन बढ़ना शुरू होता है
विश्व में 19.5 करोड़ महिलाएं किडनी की समस्या से पीड़ित है। भारत में भी यह संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है, यहां हर साल दो लाख लोगों को किडनी रोग हो जाता है।-डॉ वी०पी० सिंह
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के समुचित इलाज में मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसमें कई तरह की समस्याएं आती हैं। रेगुलर डायलिसिस करवाने वाले मरीज कही आ जा नही पाते क्योकि कई जगहों पर ये सुविधा नही मिल पाती । लेकिन इस तरह के मरीजों के लिए बिहार के सबसे प्रसिद्ध कैंसर अस्पताल सवेरा हॉस्पिटल में अब ये सुविधा उपलब्ध है।
सिर्फ दिल्ली ,मुम्बई,बैंगलोर, कलकत्ता और चेन्नई जैसे बड़े शहरों वाली ये सुविधा अब पटना के सवेरा कैंसर हॉस्पिटल में उपलब्ध है। उक्त बातें आज सवेरा कैंसर हॉस्पिटल में आयोजित प्रेस वार्ता सम्मेलन में प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डॉ वीपी सिंह ने कही। प्रेस संबोधन में वरीय कैंसर सर्जन डॉ वी०पी० सिंह ने कहा की आज बढ़ते हुए गुर्दे की बीमारी एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है। देश में औसतन 14 प्रतिशत महिलाएं एंव 12 प्रतिशत पुरुष किडनी की समस्या से पीड़ित हैं। शुरुआती स्टेज में इस बीमारी को पकड़ पाना मुश्किल है, क्योंकि दोनों किडनी 60 प्रतिशत खराब होने के बाद ही मरीज को इसका पता भी चल पाता है।
किडनी के खराब होने के कारण ही शरीर में खून का क्रिएटनिन बढ़ना शुरू होता है, खून में पाए जाने वाले खराब तत्व कोक्रिएटनिन कहते है . “किडनी के खराब होने के कारणों के बारे में बताते हुए डॉ वी० पी० सिंह ने कहा कि आमतौर पर मूत्र मार्ग में संक्रमण और प्रतिकूल गर्भावस्था परिणाम के कारण महिलाओं को गंभीर किडनी रोग हो जाता है ।
इससे बचने के लिए कम मात्रा में पानी पीना, अधिक मात्रा में नमक खाना, दर्दनाशक दवाओं का अधिक सेवन करना, अधिक शराब पीना, मांस का अधिक सेवन करना, धूम्रपान करना और अधिक सॉफ्टड्रिक्स पीना इत्यादि जैसे आदतों को त्याग दें।
डायलिसिस का उपयोग 1940 के दशक से किडनी की समस्या वाले लोगों के इलाज के लिए किया जाता है। हमारे शरीर में किडनी का मुख्य कार्य होता है – “शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालकर आपके रक्त को फ़िल्टर करना। यह अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थ मूत्राशय से पेशाब के साथ निकल जाते हैं। यदि किडनी इस कार्य में असफल हो जाती हैं तब डायलिसिस के माध्यम से यह कार्य किया जाता है।
पद्मश्री डॉ आर एन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि डायलिसिस एक उपचार है जिसमे एक मशीन उपयोग करके रक्त को फ़िल्टर और शुद्ध किया ज है। जब आपके गुर्दे अपना काम नहीं कर सकते, तो आपके तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलन रखने में मदद करता है। सवेरा हॉस्पिटल में 10 डायलिसिस मशीनों का Plan किया है तथा अभी 2 से शुरुआत हो चुकी है। यहाँ डायलिसिस का सबसे सस्ता और उच्चकोटि की मशीनें उपलब्ध हैं तथा मरीज़ो के लिए OPD तथा IPI दोनों की उचित व्यवस्था है। सवेरा हॉस्पिटल यह दावा करता है कि यहाँ बिहार का सबसे किफायती डायलिसिस यूनिट है। कार्यक्रम का संचालन पद्मश्री डॉ आर० एन० सिंह मार्गदर्शन में हुआ। अन्य उपस्थित प्रमुख चिकित्स्कं डॉ आकाश सिंह, डॉ विशाल सिंह, डॉ आर सक्सेना, डॉ अविनाश पांडेय, डॉ अनीता, डॉ रा रंजन, डॉ विवके पांडेय इत्यादि मौजूद रहें।