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आम्रपालि में खेला होवि

नई दिल्ली : दो पंछी दो तिनके कहो ले कर चले हैं कहाँ, ये बनाएँगे एक आशियाँ , ठीक कुछ इसी उम्मीद से आम्रपालि प्रोजेक्ट में मकान ख़रीदने और उस में अपना आशियाना बनाने का सपना लगभग ४६५०० लोगों ने देखा था पर उनकी उम्मीदों पर उस वक्त पानी फिर गया जब आम्रपालि के स्वामी CBI के शिकंजे में आए और आम्रपालि के ख़रीदारों ने अपने सपने को टूटते  हुए देख कर अपनी फ़रियाद कोर्ट में लगाई, कोर्ट ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए देश की महा रत्न से सुसज्जित NBCC इंडिया को तलब किया और पूछा क्या NBCC निराश ग्राहकों के सपने को पूरा करने के लिए तय्यार है ? NBCC की तरफ़ से NBCC के मैनेजमेंट  ने कहा जी योरऑनर हम इसके लिए तय्यार हैं बशर्ते हमें पैसा दिया जाए , ३७००० मकानों को पूरा करने के लिए ८०००  आठ हज़ार  करोड़ का खर्चा होगा, आठ प्रतिसट मैनज्मेंट फ़ीस लगेगी  बाक़ी पैसा ग्राहकों को देना होगा हम केवल आठ प्रतिशत मैनज्मेंट की फ़ीस लेंगे और लम्बित पड़े हुए मकानों को पूरा करके ग्राहकों को सोंप देंगे, न्यायालय ने एक रिसीवर नियुक किया और प्रोजेक्ट NBCC के हवाले कर दिया गया,  NBCC इंडिया लिमिटेड ने जब अपने हाथ में लिया तो आम्रपालि के ग्राहकों को ऐसा महससुस हुआ कि जल्दी ही उनको सरकारी कम्पनी द्वारा अच्छे और वेल फ़र्निश फ़्लैट तय्यार करके दे दिए जाएँगे और एक लम्बे इंतेज़ार के बाद उन्हें ख़ुशियों की बहार देखने को मिलेगी, उनकी ये उम्मीदें ग़लत नहीं थीं क्यूँकि भारत के हर नागरिक की उम्मीदें PRIVATE के मुक़ाबले सरकार से ज़्यादा होती हैं, क्यूँकि सरकार के हर काम  में सरकार की मशीनरी की जवाबदेही तय होती है, अच्छा काम करने वालों को सरकार अवार्ड देती है और ग़लत काम करने वालों को दंडित करती है, और इस मामले में तो जवाबदेही डबल थी ग्राहकों को सरकार के साथ साथ देश की सर्वोच न्यायालय की देख रेख में इस काम को NBCC को सुपुर्द किया गया था।

अभी प्रोजेक्ट शुरू ही हुआ था कि NBCC मैनेजमेंट में बदलाव हो गया  CMD  का कार्यकाल पूरा हो गया और सरकार ने उनकी अगले कार्यकाल की अनुमति नहीं दी, नए CMD के रूप में पी के गुप्ता नियुक्त किए गए जो वर्तमान में RITES में ED के पद पर कार्यरत थे, जो  अधिकारी इस प्रोजेकट को देख रहे थे उसमें आर के अग्रवाल मुख्य थे, आम्रपालि प्रोजेक्ट के पैसे जैसे ही कोर्ट से  मिले NBCC ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी, हमारे अंडर कवर रिपोर्टर ये बताते हैं की अगर इस टेंडर प्रक्रिया में ठीक से पालन किया जाता तो आज NBCC को सुप्रीम कोर्ट से जस्टिस यू यू ललित की टिप्पणी से दो चार नहीं होना पड़ता, टेंडर प्रक्रिया में  नामी गिरामी मशहूर कम्पनी मोटों कार्लो ने भी हिस्सा लिया था पर वो इस टेंडर  को हासिल करने में नाकाम रही, और  गिरधारी कन्स्ट्रक्शन इस टेंडर को हासिल करने में कामयाब रही ,  जब हमारे Admin एडिटर ने मंटो कार्लो से इस बारे में सम्पर्क क्या तो उन्होंने बताया  कि NBCC द्वारा हम से ये कहा जा रहा था की आपकी टेंडर वैल्यू हमारी कोस्ट से बहुत ज़्यादा है आप इसे दो हिसों में बाँट दो  टेंडर वैल्यू १६०० करोड़ की है जो फ़िट नहीं बैठती है पर हमने ऐसा करने से मना कर दिया, जबकि दूसरी तरफ़ गिरधारी लाल को इतनी ही वैल्यू में इस टेंडर को अवार्ड कर दिया गया, ये एक जाँच का विषय हो सकता है अगर मंटो कार्लो की बात सही है तो ? हमारे अंडर कवर रिपोर्टर  ने बताया कि गिरधारी लाल को टेंडर दिलाने में NBCC के कुछ ख़ास लोगों की अहम भूमिका थी कुछ ने तो इसे जाती विशेष से भी जोड़ दिया जानकार ये मानते हैं कि इस विषय में  जाँच होने से सब कुछ साफ़ हो सकता है कि एक ही काम के लिए दो माप दंड क्यूँ अपनाए गए ?  जानकार ये बताते हैं कि आज जिस तरह से सर्वोच न्यायालय में NBCC ने इस प्रोजेक्ट में पैसे ना होने की बात कही है उसकी मुख्य वजह है, टेंडर का  मिस मैनज्मेंट, जिसे  आर के अग्गरवाल ने इस बखूबी अंजाम दिया क्यूँकि कुछ ही दिनों में वो सेवानिव्रत होने वाले थे, उनकी सेवा विस्तार के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी भी दी गई पर कोर्ट ने उसे ख़ारिज कर दिया, जानकारों का कहना है कि कोर्ट द्वारा कुल ८००० आठ हज़ार करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी गई थी जिसमें मकान बना कर तय्यार करके देने थे , पर  NBCC के नए CMD ने ७२०० के हाई वैल्यू के टेंडर अवार्ड कर दिए, हमारे सूत्र ये भी बताते है की उनकी इस तरह की मंज़ूरी का NBCC बोर्ड की मीटिंग में निदेशक वित्त  ने कड़ा विरोध जताया था पर CMD  ने उनकी एक ना सुनी, फ़ील्ड के  एक्स्पर्ट की राय है  कि अगर ७२०० की जगह छोटे छोटे टेंडर अवार्ड किए जाते तो काम अब तक पूरा हो चुका होता पैसे की कोई दिक़्क़त नहीं होती, आज के हालात ये हैं की की कुल १५०० फ़्लैट बन चुके हैं बाक़ी बन रहे हैं पर पैसे ना होने की वजह से अधूरे में पड़े हैं, NBCC के सूत्र ये बता रहे हैं कि अब हम इस कार्य को पूरा करने के लिए चैनल पार्ट्नर की तलाश कर रहे हैं और ग्राहकों से ये निवेदन करते हैं कि वो अपना बाक़ी पैसा NBCC को दें ताकि अधूरे फ़्लैट पूरे किए जा सकें

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