Thanks to Hardeep Singh Puri and Supreme Court to handed over our home key to us. Amrapali Home Buyers
ये वो दौर था जब आम्रपाली प्रोजेक्ट में मकान की तलाश में पैसा लगाने वाले ख़रीदार अपने मकानों मे क़ब्ज़ा लेने के लिए दर व दर भटक रहे थे पर कोई उम्मीद नज़र नहीं आरही थी, क्योंकि आम्रपाली प्रोजेक्ट में मकानों के नाम पर तो सिर्फ़ खाका ही खड़ा किया गया था और आम्रपाली कंपनी के मालिक दिवालिया घोसित हो चुके थे।
ख़रीदारों के पैरों के नीचे से ज़मीन खिसकती जा रही थी क्योंकि अपनी उम्र भर की गाड़ी कमाई इस प्रजेक्ट में मकान ख़रीदने के लिए लगा दी गई थी मरता क्या ना करता ग्राहकों ने देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया गुहार लगाई माईबाप हमारी गाड़ी कमाई का कोई तो हिसाब दे ? हमें हमारे मकानों में अब कैसे कब्ज़ा मिलेगा ? ना ही मकान तैयार है और ना ही हमारे पैसे वापस मिल रहे हैं ? मकान बनाने वाली कंपनी दिवालिया हो चुकी है ? अब हम कहाँ जायें ? हुज़ूर हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सरकारी कंपनी NBCC की पूर्व CMD को कोर्ट में तलब किया और पूछा क्या आपके या आपकी सरकार के पास इन लूटे हुए ग्राहकों की समस्या का कोई हल है ? पूर्व CMD ने कोर्ट में हलफ़ नामा दाखिल किया किया कि हम पूरा कर देंगे हमारे सूत्र ये बता रहे हैं कि सीएमडी का ये बयान मंत्री की उन चिंताओ के अनुसार थे जिस में बो एनसीआर में इन सभी का निदान चाहते थे।
पर राह इतनी आसान नहीं थी सवाल कई थे जिनका जवाब अब एनबीसीसी को ढूँढना था, कोर्ट ने एक कमेटी गठित की जिसका रिसीवर सीनियर वकील श्री वैनकट रमानी को बनाया गया जिनकी देख रेख में इस कार्य को अंजाम दिया जाना था।
जिन हालातों में एनबीसीसी ने इन मकान के ढाँचों को लिया था वो देखते ही बनते थे, पैसे की बहुत दरकार थी बिना फंड का कोई विकल्प मौजूद नहीं था बैंकों ने अपना हाथ पीछे खींच लिया था कोर्ट के दखल के बाद बैंकों ने फ़ंडिंग देना शुरू किया और प्रोजेक्ट धीरे धीरे आगे बड़ा। आज पूरे बारह साल बाद इस प्रोजेक्ट को एनबीसीसी के नये सीएमडी की लीडरशिप में पूरा किया गया अधूरे मकानों को पूरा करके ग्राहकों को उनके घरों की चाबी सौंप दी गई सभी ग्राहकों में ख़ुशी का माहौल है आम्रपाली के सभी होम बायर्स के ग्राहक मोदी सरकार और मोदी सरकार में मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सुप्रीम कोर्ट की भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे हैं चाबी पा कर सभी ग्राहक ख़ुश है और ये संदेश देना चाहते हैं कि जहाँ सरकार का दख़ल है वहाँ नाउम्मीदी नहीं हो सकती और जहाँ प्राइवेट बिल्डर्स है वहाँ किसी की जवाब देही नहीं होती है।