Message here

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: आधार कार्ड नहीं है जन्म तिथि का प्रमाण

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि आधार कार्ड, जो पहचान स्थापित करने के लिए उपयोग किया जा सकता है, जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है . यह फैसला एक सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति के परिजनों द्वारा दायर अपील पर सुनाया गया, जिसमें मुआवजे की राशि में कटौती की गई थी।

क्या था मामला?

मामले में आधार कार्ड के अनुसार मृत व्यक्ति की उम्र 47 वर्ष थी, जबकि स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र के अनुसार उनकी उम्र 45 वर्ष थी। इस विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र को आधार मानते हुए मुआवजे की राशि को 14,41,500 रुपये से बढ़ाकर 15,00,000 रुपये कर दिया ¹ ²।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड पहचान स्थापित करने के लिए उपयोग किया जा सकता है, लेकिन यह जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र को कानूनी मान्यता प्राप्त है, जबकि आधार कार्ड को नहीं

फैसले का महत्व

इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि आधार कार्ड केवल पहचान के लिए उपयोग किया जा सकता है, लेकिन जन्म तिथि के प्रमाण के लिए अन्य दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। यह फैसला भविष्य में ऐसे मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

error: Content is protected !!