नई दिल्ली। एमआईई की तरफ से अपनी तरह के पहले इनीशिएटिव ऑटोमेटिक एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम का उदघाटन पूर्वी दिल्ली सांसद गौतम गंभीर के करकमलों से संपन्न हुआ। एमआईई 4 दशक पुराना एक घरेलू ब्रांड है, जो बिजली के साजोसामान के साथ-साथ दूसरे इलेक्ट्रिकल सिस्टम बनाने वाला अग्रणी निर्माता है। एमआईई के पास ऑउटडोर फर्नीचर स्थापित करने तथा मेंटेनेंस से जुड़ी सेवाओं का विशाल अनुभव मौजूद है। कंपनी अपने स्मार्ट लाइटिंग वाले इनीशिएटिव की ही तरह एमआईई एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम को सभी प्रमुख शहरों तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है और जल्द ही गुरुग्राम में इसे लॉन्च करने की तैयारी कर चुकी है। ये विशाल एयर प्यूरीफायर लगभग 12 फुट ऊंचे हैं और 800 वर्ग फुट का क्षेत्र घेरते हैं। ये पूर्ण ऑटोमेटिक मशीनें रोजाना करीब 2 लाख क्यूबिक मीटर शुद्ध हवा प्रदान करने की क्षमता रखती हैं। इसका मतलब यह है कि कवर किए गए क्षेत्र में ये मोटे तौर पर पीएम 2.5 का स्तर 30-40 प्रतिशत तक घटा देती हैं।
अपने पैटेंट की प्रक्रिया शुरू करने के साथ यह ऑटोमेटिक एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम पोल्यूशन के बढ़ते खतरे से निपटने की दिशा में एक नायाब खोज है। एयर प्यूरीफिकेशन के साथ-साथ यह सिस्टम अपने खुद के लाइटिंग सिस्टम,पब्लिक डिस्प्ले सिस्टम से लैस है और आईओटी सक्षम है। यह उस स्मॉग टॉवर की तुलना में बेहद मामूली लागत पर बनाया गया है, जिसे खड़ा करने में कई करोड़ रुपए खर्च होते हैं। इसके अलावा इसमें लाइटिंग सिस्टम मौजूद होने से ऑउटडोर वाली जगहों में उजाले का इंतजाम रहेगा और पब्लिक डिस्प्ले सिस्टम से जमा होने वाली राशि इस पूरे सिस्टम को चलाने का खर्च उठाएगी। इसके अतिरिक्त इसमें हुए टेक्नालॉजी के इस्तेमाल से मशीन को काम के निर्धारित समय पर भेजा जा सकता है और कंपनी की वेबसाइट-ऐप के जरिए दूर से ही इस पर निगरानी और नियंत्रण भी रखा जा सकता है। इस सिस्टम को कंपनी की राजस्थान और दिल्ली स्थित उत्पादन इकाइयों में किए गए गहन शोध एवं विकास के दम पर भारत में ही बनाया गया है।
एमआईई के निदेशक रचित अरोड़ा ने इस लॉन्च के अवसर पर कहा हमारी नेशनल कैपिटल पर छाए घातक पोल्यूशन और धुंध के बादलों को देखते हुए एमआईई ने एयर पोल्यूशन रोकने की तात्कालिक जरूरत पूरी करने का बीड़ा उठाया है। हमारा बुनियादी लक्ष्य इस सिस्टम के दम पर न केवल पोल्यूशन के बढ़ते स्तर पर काबू पाना है बल्कि स्मॉग टॉवर,जो भारी महंगे पड़ते हैं के साथ जुड़ी 3 प्रमुख चुनौतियों का सामना करना भी है। ये चुनौतियां हैं।