दिलशाद कालोनी की बिल्डिंग नंबर B-83 को नेस्त नाबूद करने के लिए फरियादी ने कोर्ट से गुहार लगाई है । कोर्ट ने MCD को इस महीने की 18 तारीख़ को हाज़िर होने के लिए समन जारी किया है । समाचार पत्र के पास समन एवं पूरी बिल्डिंग के लीगल संबंधित दस्तावेज की कापी हाथ लगी है ।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों इसी बिल्डिंग के नीचे बनी आठ दुकानों को पहले एमसीडी द्वारा सील किया गया था जिसे बाद में नेस्त नाबूद कर दिया गया । अब इस पूरी बिल्डिंग को ही नेस्त नाबूद करने के लिए कोर्ट में अर्ज़ी दी गई थी जिस में एमसीडी को भी पार्टी बनाया गया है , शिकायतकर्ता का ऐसा मत है की जब सभी दुकानों की रजिस्ट्री में कमर्शियल डीड दर्ज है फिर एमसीडी ने इन दुकानों को सीलिंग के बाद नेस्त नाबूद क्यों किया ? यदि दुकाने ग़लत बनी हुई थीं तो फिर दुकाने तोड़ते वक़्त पूरी बिल्डिंग की जाँच क्यूँ नहीं की गई , बिल्डिंग का जो भी लीगल हिस्सा था उसे छोड़ कर सभी को गिराया जाना चाहिए था , जो नहीं किया गया ।
इस बारे में समाचार पत्र ने MCD कमिश्नर ज्ञानेश भारती , शाहदरा के DC संजीव मिश्रा , एक्सन नागर व अन्य से संपर्क किया पर किसी ने भी फ़ोन उठाना मुनासिब नहीं समझा , उनके मोबाइल पर भी मेसेज छोड़ा गया और पूछा गया की एमसीडी का इस पर क्या रुख़ है ?
जब इस बिल्डिंग का अवैध निर्माण हो रहा था या दुकाने बन रहीं थी तब एमसीडी के अधिकारी क्या कर रहे थे ? कोर्ट के चाबुक से कंट्रोल होने वाले MCD के अफ़सरों के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है ।
अब देखना ये होगा कि कोर्ट गली सुनवाई में बिल्डिंग को गिराने के साथ साथ एमसीडी के अफ़सरों पर भी चाबुक चलायेगा या फिर उन्हें छोड़ दिया जाएगा । उपरोक्त विषय में एमसीडी की सत्ता पर भ्रष्ट अफ़सरों पर नकेल का दावा कर क़ाबिज़ होने वाली सियासी जमात की मेयर शैली ओबरॉय से भी संपर्क किया गया , पर समाचार लिखने तक कोई भी वार्तालाप नहीं हो पाई ।