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NBCC की निदेशक वाणिज्य और निदेशक परियोजना के लिए 15 उम्मीदार मैदान में।

नई दिल्ली : लंबे अरसे से रिक्त पड़ी एनबीसीसी की दो पोस्ट निदेशक वाणिज्य और निदेशक परियोजना के लिए संबंधित मंत्रालय ने इंटरव्यूज़ के लिए शोर्ट लिस्ट कर नामों की घोषणा कर दी है। ज्ञात हो कि निदेशक परियोजना का पद नीलेश शाह के सेवा निवृत होने के बाद और निदेशक वाणिज्य का पद राजेंद्र चौधरी का कार्यकाल पूरा होने के बाद ख़ाली पड़ा था, PESB ने दोनों पदो के लिए इंटरव्यूज़ लिए थे पर ये कहते हुए अपना पल्ला झाड़ दिया कि दोनों पदो के लिए हाज़िर हुए उम्मीदवारों में कोई भी इस लायक़ नहीं है जो एनबीसीसी के इन दोनों पदों की ज़िम्मेदारी निभा सके । तत्पश्चात् मंत्रालय ने इन दोनों पोस्टों को भरने के लिए ज़िम्मेदारी उठाने का फ़ैसला ले लिया।

मंत्रालय में हमारे उच्च स्तरीय सूत्रों ने हमे जानकारी दी है कि निम्न लिखित उम्मीदवारों को इंटरव्यूज़ के लिए हाज़िर होने का परवाना जारी कर दिया गया है ।

निदेशक वाणिज्य  (1)योगेश शर्मा (NBCC) (2) के पी महादेव स्वामी (NBCC)(3)अनुपम मिश्र (WAPCOS)(4)संजय कुमार सिंह (EIL)(5)प्रदीप कुमार (Wapcos)(6)डी एस देशवाल (रेलवे मंत्रालय)

निदेशक परियोजना  1)योगेश शर्मा (NBCC) (2)के पी महादेव स्वामी (NBCC)(3) टीएनएल रेड्डी (HSCIL)(4)संजीव कुमार यादव (NHPC)(5)आकाश गुप्ता (CONCOR)(6)सलीम अहमद (DMRC)(7)यशपाल मेहता (DMRC)(8) डी एस देशवाल (रेलवे मंत्रालय)(9)प्रदीप गुप्ता (CPWD)।

हमारे सूत्र ये बता रहे हैं कि इस लिस्ट में कुछ कैंडिडेट पैराशूट से उतारे गये हैं जिनका नाम शामिल नहीं था पर एक मंत्रालय से दबाव दे कर उनका नाम लिस्ट में शामिल कराया गया है, अगर उन उम्मीदवारों का सिलेक्शन होता है तो यक़ीन मानिए हम आपको बतायेंगे कि किस मंत्रालय से दवाब डलवा कर उन नामों को शामिल कराया गया था।

चर्चायें ये भी ज़ोर पकड़ रही हैं कि NBCC को (रेलवे एनबीसीसी) बनाने की पूरी कोशिशें की जा रही हैं यदि ये चर्चायें सही साबित हुईं तो फिर रेलवे ट्रैक की टूटी पटरी और ट्रेन दुर्घटनाओं की तरह रेलवे NBCC से बड़े  ही दिलचस्प समाचार आये दिन हमारे पाठकों को सुनने को मिलेंगे-जैसे नमस्कार रेलवे NBCC में आपका स्वागत है मकान ख़रीदने वाले अपने मकान की हिफ़ाज़त ख़ुद करें, मकान गिरने या जल्दी खराब होने की हमारी कोई ज़िम्मेदारी नहीं होगी।। खेद के साथ सूचित करना पड़  रहा है कि रेलवे एनबीसीसी का फ़लाँ प्रोजेक्ट अपने निर्धारित समय से इतने वर्ष देरी से पूरा  होने की संभावना है, रुकावट के लिए खेद है।

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