भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन को केन्द्र सरकार के संज्ञान में लाना ही मेरा मक़सद -मा. विजयसिंह
मुज़फ्फरनगर के गांधीवादी मा. विजयसिंह ने दिल्ली राजघाट पर 2 अक्टूबर को रखा उपवास
(के पी मलिक) नई दिल्ली: मास्टर विजयसिंह गांधीजी के अहिंसावाद का प्रचार-प्रसार करना तथा अपने भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन को केन्द्र सरकार के संज्ञान में लाने के लिए पैदल यात्रा करके राजघाट पहुंचे हैं।पिछले 24 सालों से भ्रष्टाचार व भूमाफियाओं के खिलाफ धरने पर बैठे मास्टर विजय सिंह 2 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे वीआईपी कार्यक्रम के बाद दिल्ली स्थित अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर उपवास रखेंगे। मास्टर विजय सिंह 1 अक्टूबर को शिव चैक, मुजफ्फरनगर से शामली, बागपत होते हुए 2 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पहुंच कर गांधी जी समाधि पर पुष्प अर्पित कर सांकेतिक उपवास रखेंगे। यात्रा के दौरान शामली व बागपत जनपदों में स्वतंत्रता सेनानी और महापुरुषों की प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित कर यह यात्रा आगे बढ़ेगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य गांधी जी के अहिंसावाद का प्रचार-प्रसार करना तथा अपने भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन को केन्द्र सरकार के संज्ञान में लाना है।
देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। महात्मा गांधी के मुख्य मुद्दे जैसे अहिंसात्मक सत्याग्रह ,स्वच्छता अभियान, ग्राम स्वराज, अछूतोद्धार थे, जिनसे लोग भटकते जा रहे हैं। आज छोटे-छोटे मामलों को लेकर लोग हिंसक होकर सरकारी सम्पत्तियों में तोड़ फोड कर आगजनी कर रहे हैं। जाम लगा रहे हैं। अभद्र भाषा प्रयोग कर रहे हैं। लोग भ्रष्टाचार कर भूमाफियाओं को संरक्षण दे रहे है तथा सार्वजनिक सम्पत्ति कब्जा रहे हैं। यह सब महात्मा गांधी के सिद्धान्तों के खिलाफ है। ऐसे क्रियाकलापों से लोग अपनी और राष्ट्र की हानि कर रहे हैं। हम महात्मा गांधी जी के बताए गए सिद्वान्तों को अपनाएं और अपने मुद्दे अहिंसात्मक ढंग उठाएं, क्योंकि हिंसा से कोई लड़ाई नहीं जीती जा सकती। हिंसा से हर आन्दोलन का अंत हो जाता है।
गौरतलब है कि मास्टर विजय सिंह पिछले 24 सालों से भ्रष्टाचार व भूमाफियाओं के खिलाफ अहिंसात्मक सत्याग्रह और धरने पर बैठे हैं। उनकी लडाई 24 सालों में अहिंसात्मक रही। 24 साल के दौरान उनके आन्दोलन मेें कोई हिंसा नही हुई। उनका जीवन निर्विवाद है। उनका जीवन गांधीवाद से प्रेरित है और वे गांधी के मार्ग पर ही अग्रसर हैं। उन्होंने 24 सालों से बहुत ही शालीनता के साथ सत्याग्रह के मार्ग पर चलकर मुजफ्फरनगर में अपना जीवन बिताया है। कई बार कचहरी में असामान्य स्थिति होने पर भी उन्होंने कोई प्रतिरोध नहीं किया। भले ही मुजफ्फरनगर की जिलाधिकारी द्वारा कचहरी से उनका धरना हटवाना हो या अस्पताल में उनके साथ हुआ अन्याय हो। गांधी जी की 150वीं जयंती पर गांधीवाद पर बात करने और भव्य समारोह आयोजित करने वाली सरकार इस गांधीवादी आन्दोलन की आवाज सुनेगी, इसी उद्देश्य से मास्टर विजय सिहं इस यात्रा का आयोजन और गांधी जी की समाधि पर उपवास रख रहे हैं।