नई दिल्ली, 14 फरवरी, 2020: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे आज जारी किए हैं। इस तीसरी तिमाही के दौरान कंपनी ने पिछले वर्ष की समान अवधि के मुक़ाबले अपने कारोबार में 5% की वृद्दि दर्ज की है। इस्पात कीमतों में गिरावट के बावजूद, इस तिमाही में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुक़ाबले, कंपनी ने 3% बढ़ोत्तरी के साथ 39 लाख टन उत्पादन और 26% बढ़ोत्तरी के साथ 41 लाख टन विक्रय किया है, जिसके चलते सेल आय (revenue) में बढ़ोत्तरी हासिल करने में सफल रहा। इस्पात कीमतों में गिरावट ने इस तिमाही के दौरान सभी प्रमुख घरेलू इस्पात उत्पादकों के वित्तीय प्रदर्शन को प्रभावित किया है, जिसने न केवल सेल के मुनाफे को प्रभावित किया है बल्कि कंपनी को तीसरी तिमाही के दौरान 429.62 करोड़ का नुकसान हुआ है।सेल अध्यक्ष, श्री अनिल कुमार चौधरी ने कहा, “यह तिमाही पूरे उद्योग के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है क्योंकि इस दौरान सभी प्रमुख इस्पात उत्पादकों का वित्तीय निष्पादन प्रभावित हुआ। हमने इस चुनौती को एक अवसर के रूप में लेते हुए, अपनी नई मिलों से उत्पादन बढ़ाने के अपने प्रयासों में तेजी लाई और लगातार अपनी प्रक्रिया क्षमता में सुधार किया है। कंपनी लागत घटाने से लेकर मुनाफ़ा बढ़ाने पर अधिक फोकस करते हुए अपने उत्पादों की सूची में और नए उत्पाद जोड़ रही है
आगे उन्होंने कहा, “इस तीसरी तिमाही के दौरान कड़ी बाज़ार प्रतिस्पर्धा के बीच इस्पात की कीमतों में गिरावट के बावजूद, हम इस्पात विक्रय और विक्रेय इस्पात उत्पादन में बढ़ोत्तरी दर्ज करने में सफल रहे। हाल ही में लागत में कमी लाने के लिए किए गए प्रयासों के साथ-साथ बाज़ार दशाओं में सुधार के चलते हम चौथी तिमाही में बेहतर निष्पादन की उम्मीद कर रहे हैं।”सेल ने तीसरी तिमाही के दौरान पिछली तिमाही के मुक़ाबले तकनीकी-आर्थिक मानकों जैसे ब्लास्ट फर्नेस उत्पादकता में 12.4%, कोक रेट में 5.3%, कॉल डस्ट इंजेक्शन (सीडीआई) उपयोग में 40%, विशिष्ट ऊर्जा की खपत में 2.4%, कॉनकास्ट रूट के माध्यम से उत्पादन में 8.5% सुधार दर्ज किया है।