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क्यूँकि मैं आपको जानता हूँ इसलिए आपको कोरोना सम्मान देना चाहता हूँ ……..

(विनोद तकिया वाला स्वतत्र पत्रकार)

नई दिल्ली । आप की तरह मै भी कोरोना काल में अपने दिन चर्चा में व्यस्त था , प्रातः भ्रमण के बाद गुन गुना पानी मे गिलोय , ऑवला , एलोवरा , तुलसी के रस का ऑनद ले रहे थी, तभी समाने पड़ी मोबाईल की घंटी बज उठी, मै ने यह सोचते हुए मोबाईल उठाते हुए यह सोचने लगा कि आज तो रविवार है, छुट्टी का दिन। तभी पुनः मोबाईल पर काल की आने की सुचना दे रही थी, मैने देखा तो किसी अनजान सज्जन हमे याद कर रहे थे । औपचारिकता वस मैने सुप्रभात कह कर अनजान सज्जन का स्वागत किया । दुसरी तरफ से अ जान सज्जन ने मेरे से पुछा कि त किया जी मुझे आप का फोटो चाहिए, जरूरी काम है, मै आस चकित था , कौन आज के युग मे सम्भ्रात सज्जन कौन है , जो मेरे सम्बन्ध में सोच रहा है, वह भी निस्वार्थ भाव से इस घोर कलियुग मे । मै स्वयं अपने आप कोआत्म गलानि के बोझ तले दवे जा रहा था । हालाकि मेरा दिवा स्वपन्न कुछ पल मे ही छन से टुट कर विखर गया । मैने सज्जन से हिम्मत जुटा कर पुछ लिया कि मित्रवर कृपा कर फोटो का प्रयोजन बता कर हमे कृतार्थ कर तकिया वाला जी आप अपना एक फोटो भेज दें , ताकि आपको कोरोना वारियर सम्मान से नवाजा जाएगा। मैंने पूंछा मित्रवर क्यों मैंने ऐसा क्या किया है जो आप मुझे इस के लिए सम्मान से सम्मानित किया जायेगा तो इसका उत्तर वो नही दे सके। मैंने उनको विनम्रता पूर्वक बोला कि मै आप को जानता नही हुँ , हो सके तो मुझें माफ कर दे, अति मेहरवानी होगी । मैने ऐसे कोई सम्मान पाने वाला कोई ऐतिहासिक व साहसिक कार्य नही किया है । जिसके लिए मुझ जैसे नाचीज को कोरोना वारियर सम्मान से सम्मानित किया जाय .
। यह कहते हए मैने सज्जन से माफी माँगते हुए मो ० से कन्नेशन क ट कर दी ।
इस घटना क्रम के दौरान मै विचलित हो गया, क्योकि अपने कार्य व स्वभाव के कारण सोच में पड गया कि किसी सम्मान का हमे आदर पूवर्क सम्मान करना चाहिए, ना अपमान करें , श्याद मेरे द्वारा अक्षम गलती हो गयी हो तभी मेरे चिर परिचित पत्रकार का कॉल आया , औपचारिकता पुरी होने वाद मैने उनसे पुरी घटना क्रम से अवगत करा दी, मैने अपनी गलती पर अफशोस व्यक्त की।
मेरे वरिष्ट पत्रकार मित्र ने वस्तु स्थिति को समझते हुए हमें बताया कि विनोद त आप जैसे अनेकों पत्रकारों को ये कोरोना वारियर का सम्मान देता है।

 दर असल आज कल कोरोना काल मे अपनी संस्थाओं का,अपना या अपना चुनाव प्रचार करने का एक नया ट्रेंड चल गया है कि ये लोग चुन चुन कर पत्रकारों, समाज सेवियों, बुद्धि जीवियों,लेखकों, व्यापारियों,शिक्षकों, पुलिस अधिकारियों , प्रशाशनिक अधिकारियों को अपनी संस्थाओं के नाम से कोरोना वारियर का सम्मान पत्र देकर सम्मानित करते है। फिर उसके बाद सम्मान लेने वाला उसे स्वतः ही फेसबुक और सोशल मीडिया में ऐसे डालता है जैसे बहुत बड़ा तीर मार लिया होऔर अपने आप को समाज मे सबसे बड़ा कोरोना वारियर प्रदर्शित करता है। जिसे सैकड़ों हजारों लोग शेयर और लाइक करते है और ऐसे लोगों का मकसद पूरा हो जाता है।
मेरी नीजीै राय है कि ऐसे में वास्तविक कोरोना वारियर्स का अपमान होता है। मेरी आप लोगों से अपील है कि जब भी आपको कोई कोरोना वारियर से सम्मानित करने की कहे तो आप उसे वास्तविक रूप में हकदार कोरोना वारियर को ही सम्मानित करने का सुझाव दें। आप ये भी जानने की कोशिश करें कि कहीं तथाकथित कोरोना सम्मान की आड़ में किसी संस्था, व्यक्ति विशेष के प्रचार का छिपा हुआ एजेंडा तो नही है जिसके आप भी शिकार होने जा रहे हों।

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