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लिवर (जिगर) की बीमारियों के लिए फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर जिम्मेदार

नई दिल्ली: ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के तत्वाधान में आज नई दिल्ली के जाफराबाद में विश्व हेपेटाइटिस डे पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें हेपिटाइटिस से बचाव व सावधानी बरतने के बारे गुफ्तगू की गई। राज्य सरकार की मज़मत करते हुए इसमें मांग की गई कि जिगर की बीमारियों को बढ़ाने के लिए मिलावटी खाद्य सामग्री जैसे घी, तेल और पानी का शुद्ध ना होना है। जरूरी है कि इस काम की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है जिस पर वह खरी उतरती दिखाई नहीं दे रही है सरकार को चाहिए कि वह अपने फूड इंस्पेक्टर आदि पर शिकंजा कसने का काम करें।हमारे हमारे संवाददाता से बात करते हुए डॉक्टर सैयद अहमद ने बताया कि ज़िगर की बीमारियों का ख़ास खास वजह शराब आदि का पीना माना जाता है लेकिन खाली शराब पीने से ही जिगर की तकलीफ में नहीं होती वह खाने पीने में मिलावट और अशुद्ध पानी पीने से भी जिगर की तकलीफें होती हैं। इसके अलावा आजकल लोगों का जो रहन-सहन है उससे भी लीवर की बीमारियां बढ़ रही है। सिफनुज़ियम में कहा गया कि प्रशासन की लापरवाही से शुद्ध तेल पानी व खाद्य सामग्री में मिलावट की जा रही है जिसके अभाव में लीवर जिगर की बीमारियां बढ़ रही है इस अवसर पर सीसीआरयूएम रिसर्च ऑफिसर ज़नाब डॉक्टर एम यू अज़हर ने हेपेटाइटिस रोगों के रोगों के बचाव व उपचार पर विस्तार से जानकारी दी।

प्रोग्राम में शिरकत करते हुए मौलाना दाऊद अमीनी, डॉक्टर एम शमून, डॉक्टर मोहम्मद हसन, डॉक्टर जाकिर हुसैन, डॉक्टर शाहनवाज परवीन, फ़िरोज़ मलिक आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

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