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अफवाह पर बेलगाम होता भीड़तंत्र, किसी को भी समझ लेते हैं “बच्चा चोर”

(हस्तक्षेप / दीपक कुमार त्यागी) स्वतंत्र पत्रकार व स्तंभकार समाज व सोशल मीडिया के चंद गैर जिम्मेदाराना बयान वीरों के चलते देश में बच्चा चोर गिरोह के सक्रिय होने की अफवाह से आयेदिन बेगुनाह लोगों की जान सांसत में है। कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेकर शान समझने वाली उन्मादी भीड़तंत्र में शामिल भीड़ देश में जगह-जगह लोगों को आयेदिन बच्चा चोर बताकर पीट रही है जो कि बहुत ही सोचनीय व चिंताजनक स्थिति है। आज देश के कई राज्यों में बने इस तरह के चिंताजनक हालात से जगह-जगह कानून के पहरेदार पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ी हुई है। अफवाहों के चलते कुछ जगह तो हालात ऐसे होते जा रहे है कि कानून व्यवस्था के लिए आयेदिन मुश्किल खड़ी हो रही है। हालांकि पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने बच्चा चोरी की अफवाह फैलाने वाले व बेगुनाह को पीटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। लेकिन फिर भी देश के चंद लोगों के गैरजिम्मेदाराना रवैये के चलते अभी भी इस तरह की घटनाओं पर लगाम नहीं लग पायी है। जिस तरह से कुछ माह में ही उत्तर प्रदेश, बिहार व मध्यप्रदेश आदि राज्यों में बच्चा चोरी की अफवाहों के चलते हुई घटनाओं ने राज्य सरकार, पुलिस मुख्यालय से लेकर थाना पुलिस के सभी अधिकारियों तक की नींद उड़ा कर रख दी है। इस बेहद ज्वंलत मसले पर पुलिस के आला अधिकारी भी मानते हैं कि इस तरह की अफवाह वाले मामलों में बच्चा चोरी की घटना हकीकत में तो होती नहीं है, लेकिन अफवाहों के चलते फिर भी इस मसले को लेकर आयेदिन हिंसा होती है। जो कि स्वस्थ्य व कानून पंसद समाज के हित में ठीक नहीं हैं।

इस मसले पर अगर हम ध्यान दे तो यह आमजनमानस से जुड़ा बेहद भावनात्मक मामला है और इसलिए ही अफवाह फैलाने वाले तंत्र ने देश में माहौल खराब करने के उद्देश्य से ही इस मामले पर आयेदिन बहुत ही तेजी के साथ अफवाह फैलाने का काम किया हैं। सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि हम सोशलमीडिया के बयान वीर भी बिना कुछ सोचे समझे इस प्रकार के झूठे संदेशों को सोशलमीडिया के माध्यमों वाट्सएप आदि पर आगे फॉरवर्ड व फैसबुक, ट्विटर आदि पर शेयर करके उन अपराधियों का सहयोग कर रहे हैं। एक तरफ देश में बच्चा चोरी की अफवाहों के चलते आयेदिन भीड़ उन्मादी होकर लोगों की जान लेने पर उतारू हो रही है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस-प्रशासन ने अफवाह फैलाने वाले व कानून तोड़ने वालों को लोगों को कड़ी चेतावनी देते हुए, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करनी शुरू कर दी हैं। साथ ही अब पुलिस-प्रशासन सोशलमीडिया पर अफवाह फैलाने वाले लोगों को चिन्हित करके उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही कर रहा है और इस ज्वंलत मसले आम लोगों को सोशलमीडिया पर अन्य तरीकों से जागरूक करने जैसे कारगर कदम उठा रहा है। कुछ प्रदेशों में तो बच्चा चोरी के अफवाह को लेकर इस कदर दहशत का माहौल बन गया है कि छोटे बच्चों के अभिभावक भी अब अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। जिस ढंग से हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश, बिहार व मध्यप्रदेश में बच्चा चोरी करने का शक होते ही लोग उग्र होकर उन्मादी भीडतंत्र में बदल रहे हैं, यह हालात आम शांतिप्रिय जनमानस के साथ-साथ कानून व्यवस्था व उसके रक्षकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण है। इस मसले पर कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि देश में बच्चों के प्रति अपराध, उनकी चोरी या उनकी खरीद-बिक्री या तस्करी में जिस तरह से वृद्धि हुई हैं, उसका फायदा अफवाह फैलाने वाला तंत्र ले रहा है। हालांकि समय-समय पर पुलिस-प्रशासन ने बच्चों के प्रति इस तरह के घिनौने अपराधों को अंजाम देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करके उनको जेल में पहुचाने का कार्य किया है। लेकिन फिर भी लोग झूठी अफवाहों पर बिना कुछ सोचे समझे कानून हाथ में लेने के लिए तैयार है। यह भी मानने वाली बात है कि इन दिनों भी बच्चों के प्रति अपराध की इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा हो यह संभव है, लेकिन क्या केवल बच्चा चोरी की अफवाह सुनकर कानून को हाथ में ले लेना और किसी को भी सजा दे देना कहीं से भी कानूनी रूप से उचित नहीं है।

कानूनी जानकारों का मानना है कि देश में इस तरह की अफवाह फैलाने की घटनाओं को रोकने के लिए ना केवल पुलिस व उसके साईबर क्राइम सेल को बहुत अधिक मुस्तैदी दिखानी होगी, बल्कि आम जनमानस को भी जागरूक बनाना होगा। तब ही इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है अन्यथा ऐसी घटनाएं आए दिन सामने आती रहेंगी और निर्दोष लोगों की जानमाल पर खतरा बना रहेगा।

अभी हाल की कुछ घटनाओं पर नजर डाले तो उत्तर प्रदेश, बिहार व मध्यप्रदेश में बच्चा चोरी की अफवाह के चलते ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जो कि झकझोर देने वाली हैं।
बच्चा चोरी गिरोह की अफवाहों की घटनाओं पर एक नजर- :

अलग-अलग प्रदेशों की हाल की बच्चा चोरी की अफवाहों की कुछ घटनाओं पर नजर डाले, तो सिर्फ बिहार की राजधानी पटना में ही हाल के दिनों में बच्चा चोरी की अफवाह उड़ने की 20 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। तो बाकी प्रदेश का क्या हाल होगा आप स्वयं स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं। ये घटनाएं गांधी मैदान, दीघा, राजीवनगर, फुलवारी शरीफ, मोकामा, दुल्हिनबाजार, बाढ़ और नौबतपुर आदि थाना क्षेत्र में हुई हैं। इन घटनाओं में कम से कम दो निर्दोष बेकसूरों लोगों की अनमोल जान भीड़तंत्र की पिटाई से जा चुकी है और पिटाई से गम्भीर रूप से घायल कई लोग आज भी अस्पताल में जिंदगी व मौत की लड़़ाई लड़ रहे है।वहीं उत्तर प्रदेश में आयेदिन बच्चा चोरी की अफवाह के चलते होने वाली वारदातों से परेशान होकर पुलिस-प्रशासन को पूरे प्रदेश में अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ धरपकड़ अभियान छेड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है, जिसके बाद अकेले मेरठ पुलिस ने अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। करीब 50 के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके पुलिस ने अफवाह फैलाने वाले लोगों को कड़ा संदेश देने का प्रयास किया है। लेकिन फिर भी अभी तक स्थिति पूर्ण रूप से नियंत्रण में नहीं है सोमवार को ताजा घटना एटा जिले में हुई। जहां एक महिला को बच्चा चोर बताकर भीड़ ने सरेराह पुलिस के सामने ही पीटा, भीड़तंत्र से उसकी बहुत ही बमुश्किल से जान बच पायी। रविवार को अफवाहों के चलते ही उन्मादी भीड़तंत्र ने बागपत जनपद के बड़ौत, खेकड़ा, रमाला और अग्रवाल मंडी टटीरी में अलग-अलग घटनाओं में युवती सहित चार लोगों को पीट दिया। पुलिस ने काफी मशक्कत करके उनको भीड़तंत्र का शिकार बनने से बचाया, साथ ही पुलिस ने अफवाह फैलाने वाले छह लोगों को बागपत में हिरासत में लिया।
इस तरह बुलंदशहर के सिकंद्राबाद में भी दो दिन पहले बच्चा चोरी होने की खबर पर पुलिस दौड़ती रही। खेतों में चोरों की तलाश में कॉम्बिंग भी की गई। बताया कि ठंडी प्याऊ चौकी इलाके में बच्चा चोर समझकर लोगों ने एक युवक की पिटाई कर दी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही लोगों ने युवक को अधमरा कर दिया। पुलिस ने बताया कि जिस युवक की पिटाई की गई, वह शराब के नशे में था। वहीं शुक्रवार को भी बच्चा चोर समझकर एक बुजुर्ग की पिटाई कर दी गई थी। रविवार को खुर्जा में भीख मांगने वाले युवक को बच्चा चोर बताकर लोगों ने पीट दिया था।
वहीं उत्तर प्रदेश के ही शामली में बच्चा चोर गैंग से होने की अफवाह पर उन्माद में अंधी भीड़ ने पांच महिलाओं पर हमला बोल दिया। लाठी, डंडे, जूते और चप्पलों से इनकी बेरहमी से पिटाई की। पुलिस ने उन्हें छुड़ाने का प्रयास किया तो भीड़तंत्र के नशे में चूर भीड़ ने पुलिसकर्मियों की भी पिटाई कर दी। किसी तरह पुलिस ने महिलाओं को वहां से निकाला। कोतवाली पहुंची भीड़ ने थाने का घेराव किया। इसके बाद पुलिस ने लाठियां भांजकर भीड़ को तितर-बितर किया। प्रथम दृष्टया पुलिस ने महिलाओं को बेकसूर माना है।

इसी तरह से मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी की अफवाह फैलने के बाद सात युवकों के समूह को ग्रामीणों ने बच्चा चोर गिरोह के सदस्य समझा और उन्हें पीट-पीटकर गम्भीर रूप से घायल कर दिया। पुलिस ने भीड़ की इस हिंसा पर नौ लोगों को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था। खरगोन पुलिस के अनुसार सात युवकों का यह समूह मध्यप्रदेश के इंदौर से महेश्वर घूमने गया था। वापसी में रात को इनकी कार राष्ट्रीय राजमार्ग से रास्ता भटककर खरगोन जिले के भुवन तलाई गांव पहुंच गयी थी। जिसके बाद रास्ता पूछने पर ग्रामीणों ने इनको बच्चा चोर समझकर जमकर पीटा था।

देश में जगह-जगह बच्चा चोरी के शक में लोगों की पिटाई का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा व इंसानियत को शर्मसार करने का मामला देश की राजधानी से चंद किलोमीटर की दूरी पर स्थित राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी में सामने आया है। जहां बच्चे चोरी की अफवाह के चलते उन्माद में अंधी भीड़ ने एक महिला की जमकर पिटाई कर दी। मंगलवार दोपहर करीब एक बजे 50 वर्षीय महिला अपने डेढ़ वर्षीय सगे पोते के साथ खरीददारी के लिए लोनी बाजार गई थी जहां महिला को लोगों ने बच्चा चोर समझकर पकड़ लिया तथा उसके साथ मारपीट की। इसके बाद लोगों ने पुलिस को मौके पर बुलाकर महिला एवं बच्चे को पुलिस के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने महिला से पूछताछ की तो बच्चा उसका सगा पोता निकला। पुलिस ने 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

वहीं लोनी में ही मंगलवार की शाम को आर्य नगर कॉलोनी में स्टेट बैंक के सामने कुछ लोगों ने बेटे को गोद में लेकर जा रही महिला को बच्चा चोर समझ कर पकड़ लिया और मारपीट पर उतर आए। लोगों ने 100 नंबर पर फोन करके पुलिस बुला ली। पुलिस ने पूछताछ में मां-बेटे का मामला सामने आने पर महिला को उसके घर भेज दिया।
लोगों ने बिना जांच व सबूत के ही महिला को बच्चा चोर समझ मां व संतान के रिश्ते पर प्रश्नचिन्ह लगाकर महिला को बहुत आघात पहुंचाया। पुलिस इस घटना में लिप्त लोगों को चिहिन्त करके उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने में लगी है।

इसी तरह ही गाजियाबाद के राहुल विहार में कुछ उन्मादी नागरिकों ने मंगलवार सुबह एक महिला को बच्चा चोर बताकर पिटाई कर दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की। साथ ही इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस के मुताबिक, महिला दिमागी रूप से कमजोर है। वह मोहल्ले में घूम रही थी, इसी दौरान स्थानीय लोगों ने बच्चा चोर गिरोह की अफवाहों के मद्देनजर उसे बच्चा चोर बताते हुए पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले कुछ लोगों ने महिला की पिटाई भी कर दी। पुलिस के मुताबिक महिला को भीड़ से बचाकर पूछताछ की गई। इस मामले के बाद उत्तर प्रदेश के जनपद गाजियाबाद की पुलिस ने एक बार फिर दावा किया है कि जिले में कहीं कोई महिला चोर नहीं है। लोग अफवाहों पर ध्यान ना दे। लेकिन भीड़तंत्र में शामिल लोग हैं कि वो मानते ही नहीं है, जरा भी अपने विवेक का प्रयोग करने के लिए तैयार नहीं हैं। सरकार को अब जरूरत है तत्काल ही अफवाह फैलाने वालों ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाकर लोगों के जानमाल की सुरक्षा करें।

बच्चा चोर गिरोह की अफवाहों को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन को कुछ प्रभावी कदम उठाने चाहिए-:

1-: सोशलमीडिया व अन्य किसी भी माध्यम से अफवाह फैलाने वालों की निगरानी करके उनके खिलाफ सख्ती से कार्यवाही करें, उनके सोशलमीडिया खाते चिन्हित करके स्थाई रूप से बंद करवाये।

2-: अफवाह में आकर मारपीट करने वालों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में सख्त कार्यवाही करके लोगों को कानून हाथ में ना लेने का संदेश प्रदान करें।

3-: अफवाह फैलाने की घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए पुलिस को सोशल मीडिया पर व समाज के जागरूक नागरिकों के साथ मिलकर जागरूकता अभियान शुरू करना चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहिए।

4-: बच्चों से संबंधित सोशल मीडिया पर चलने वाली सूचनाओं का पुलिस को तुरंत संज्ञान लेकर उसकी सत्यता को जांचना चाहिए।

5-: पुलिस इस विषय में एक एडवाइजरी जारी करके लोगों को बताया है कि अब तक मिली बच्चा चोरी की सभी सूचनाएं अफवाह निकली है। अब तक एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है।

6-: पुलिस को लोगों को जागरूक करना चाहिए कि यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखे तो पहले ठीक तरह से उसकी पड़ताल कर लें, स्वयं कानून हाथ में लेने के बजाय तत्काल पुलिस को सूचना दें।

7-: पुलिस को लोगों को समझना चाहिए कि भीड़ को उकसाने में किसी शरारती तत्वों का हाथ हो सकता है जो कि समाज व शहर का माहौल खराब करना चाहता हो, इसलिए अगर कोई बच्चा चोरी के आरोप में किसी की पिटाई करे तो तत्काल पुलिस को सूचित करें।

8-: बच्चों से संबंधित घटनाओं में पुलिस को तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए, जिससे लोगों को अपने बच्चे सुरक्षित महसूस हो।

9-: पुलिस को आमजनमानस का विश्वास जीतने के लिए लोगों से मेलजोल बढ़ाना चाहिए व अपनी छवि को सुधारने का ठोस प्रयास करने चाहिए। जिससे लोग स्वयं कानून हाथ में ना लेकर कानून का सम्मान भय से ना करके दिल से करना शुरू करें। आदि
उपरोक्त कुछ बेहद प्रभावी कदम उठाकर देश में बढ़ती बच्चा चोर गिरोह की अफवाहों पर लगाम लगाकर आम जनता को उसकी सुरक्षा के लिए आश्वस्त किया जा सकता हैं।

वरना देश में आज जिस तरह अभिवावकों को भी अपनी व अपने बच्चों की सुरक्षा का डर सताने लगा है, वह सोचनीय है और देशहित में ठीक नहीं हैं। जिस तरह से आयेदिन देशभर से बच्चा चोर गैंग की खबरें सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रही है और इन अफवाह के चलते कई जगह जहां बेकसूर लोगों के साथ-साथ अब अपने बच्चों के साथ धूम रहे अभिवावकों के साथ भी मारपीट की घटनाएं हो रही हैं। इससे अभिभावकों में भी अपनी व अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता है। जिसके निदान के लिए सरकार को देश में बढ़ते भीड़तंत्र पर जाति-धर्म से ऊपर उठकर जल्द से जल्द लगाम लगानी चाहिए, जिससे देश में लोग नियम, कायदे व कानून का सम्मान करना शुरू करें और देश में अमनचैन सुखशांति का राज कायम हो।

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